2012-01-18 12:45:45

लाहौरः गोश-ए-अमन पर ख्रीस्तीयों ने किया विरोध, की क्षतिपूर्ति की मांग


लाहौर, 18 जनवरी सन् 2012 (कैथन्यूज़): लाहौर के ख्रीस्तीय धर्मानुयायी गोश-ए-अमन यानि शान्ति का कोना नामक संस्था के भवन को ध्वस्त किये जाने का विरोध कर रहे हैं। दस जनवरी को पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त के अधिकारियों ने यह कहकर इसे ध्वस्त कर दिया था कि गोश –ए –अमन की दो एकड़ ज़मीन को ख्रीस्तीय समुदाय ने अवैध रूप से अपने कब्ज़े में कर रखा था।

सन् 1887 ई. में ख्रीस्तीय मिशनरियों द्वारा गोश –ए –अमन की स्थापना की गई थी। इस समय यह विश्वव्यापी काथलिक उदारता संगठन कारितास की पाकिस्तानी शाखा तथा लाहौर चेरीटेबल एसोसिएशन द्वारा संयुक्त रूप से संचालित किया जा रहा था। यहाँ लड़कियों के लिये एक छात्रावास, एक वृद्धाश्रम तथा एक प्रार्थनालय था।

मंगलवार दस जनवरी को स्थानीय अधिकारियों ने गोश –ए-अमन के भवन को ध्वस्त कर दिया। इस दिन को ख्रीस्तीयों ने "ब्लैक ट्यूज़डे" नाम दे दिया है।

इस बीच, 15 जनवरी को पंजाब में अल्पसंख्यक मामलों के प्रान्तीय मंत्री माईकिल कामरान ने घोषणा की कि गोश ए-अमन संस्था के विरुद्ध सरकार की कारर्वाई, वास्तव में, भूमि हड़पनेवाले अपराधियों से काथलिक कलीसिया की भूमि को बचाने के लिये की गई थी। उन्होंने काथलिक कलीसिया को बदले में पड़ोस की ज़मीन तथा उसपर स्कूल एवं वृद्धाश्रम के निर्माण के लिये खर्चा देने का भी वादा किया। किन्तु, धर्माध्यक्षों ने सरकार के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। मंगलवार को लगभग दो हज़ार से अधिक लोगों ने लाहौर की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर सरकार की कार्रवाई को अनुचित ठहराया।

विरोध प्रदर्शन में 20 विभिन्न सम्प्रदायों के ख्रीस्तीयों तथा नागर समाज के प्रतिनिधियों ने भाग लिया जिनमें पुरोहित, धर्मबहनें एवं मानवाधिकार कार्यकर्त्ता भी शामिल थे।

काथलिक पुरोहितों ने स्थानीय अधिकारियों की उक्त कार्रवाई की न्यायिक जाँच किये जाने की भी मांग की है। फादर मॉरिस जलाल ने कहा, "हम तब तक अपना विरोध जारी रखेंगे जब तक सरकार हमारी ज़मीन हमें नहीं लौटाती तथा पुनर्निर्माण के लिये क्षतिपूर्ति नहीं करती।"

चर्च ऑफ पाकिस्तान के पूर्व धर्माध्यक्ष मानो रुमालशाह ने ध्वस्त किये गये प्रार्थनालय में रखे क्रूस, बाईबिल तथा अन्य पवित्र वस्तुओं के अपवित्रीकरण के लिये माफी मांगे जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि कुरान पाक के एक पन्ने के फट जाने पर गाँव के गाँव भस्म कर दिये जाते हैं।








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