बुधवारीय - आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा का संदेश 18 जनवरी, 2012
वाटिकन सिटी, 18 जनवरी, 2012 (सेदोक, वी.आर) बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत
पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने वाटिकन स्थिति संत पौल षष्टम् सभागार में देश-विदेश से एकत्रित
हज़ारों तीर्थयात्रियों को विभिन्न भाषाओं में सम्बोधित किया।
उन्होंने अंग्रेजी
भाषा में कहा - मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, ख्रीस्तीय एकता सप्ताह मनाते हुए हम आज
की धर्मशिक्षामाला में हम ख्रीस्तीय एकता पर चिन्तन करें। इस वर्ष ख्रीस्तीय एकता
की विषयवस्तु है, " हम सभी येसु मसीह की विजय के द्वारा परिवर्तित हो जायेंगे।"यह विषयवस्तु
को काथलिक कलीसिया और ‘पोलिस एक्यूमेनिकल कौंसिल’ के प्रतिनिधियों ने चुना है।
पोलैंड
में ईसाइयों पर जो अत्याचार और धर्मसतावट हुए हमें इस बात की प्रेरणा देते हैं हम पाप
और मृत्यु पर येसु की विजय पर गंभीरतापूर्वक मनन-चिन्तन करें। यह एक ऐसी विजय है जिसे
अपने विश्वास के द्वारा पाया है।
अपनी शिक्षा, उदाहरण और पास्का रहस्यों के द्वारा
येसु ने हमें सिखाया कि दूसरों के प्रति अपना प्रेम और दया दिखाकर विजय होना सीखें अपनी
ताकत के बलपर नहीं ।येसु में विश्वास और व्यक्तिगत तथा सामुदायिक आन्तिरक परिवर्त्तन
ख्रीस्तीय एकता की हमारी प्रार्थना का एक अभिन्न अंग बनेँ।
ख्रीस्तीय एकता सप्ताह
के समय हम प्रार्थना करें कि ईश्वर हम ख्रीस्तीयों के विश्वास को मजबूत करे और हमारे
मन-दिल को वो शक्ति प्रदान करे जिससे हम एक साथ मिलकर स्वर्गीय राज्य का साक्ष्य दें।
अगर हम ऐसा कर पाते हैं तो हम नये सुसमाचार के लिये अपना योगदान दे पायेंगे और दुनिया
के लोगों के आध्यात्मिक भूख को तृप्त कर पायेंगे। इतना कहकर
संत पापा ने अपना संदेश समाप्त किया।
उन्होंने फिनलैंड के लूथरन समुदाय के प्रतिनिधियों,
सुमद्रीजहाज़ में कार्य करनेवाले अमेरिकी नाविकों, देश-विदेश से आये तीर्थयात्रियों तथा
उपस्थित लोगों एवं उनके परिवार के सभी सदस्यों पर प्रभु की कृपा, प्रेम और शांति की कामना
करते हुए उन्हें अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।