कोलकाता, 18 जनवरी सन् 2012 (कैथन्यूज़): कोलकाता महाधर्मप्रान्त ने अपनी स्थापना की
125 वीँ जयन्ती के उपलक्ष्य में एक वेब साईट शुरु की है।
महाधर्मप्रान्त की 125
वीं जयन्ती किस प्रकार मनाई जा रही है इस बारे में कोलकाता के महाधर्माध्यक्ष लूकस सिरकार
ने पत्रकारों से कहा, "शिक्षा, स्वास्थ्य एवं समाज के विकास में सेवाएँ अर्पित करना हमारा
मिशन है।" उन्होंने बताया कि 125 वीं जयन्ती के उपलक्ष्य में महाधर्मप्रान्त इस वर्ष
कई समारोहों एवं पहलों को आयोजित कर रहा है तथा नई वेब साईट इसी का अंग है।
सहयोगी
धर्माध्यक्ष थॉमस डिसूज़ा ने बताया कि महाधर्मप्रान्त मिदनापुर में 70 पलंगोंवाले अस्पताल
का संचालन कर रहा है।
उन्होंने बताया कि मिदनापुर के अस्पताल में, "कुष्ठ रोग,
तपेदिक, एच.आई.वी. एवं एड्स रोगों से ग्रस्त रोगियों का उपचार किया जा रहा है।" उन्होंने
कहा कि काथलिक कलीसिया द्वारा संचालित अस्पताल समाज के निर्धन एवं हाशिये पर जीवन यापन
करने वाले अधिकाधिक लोगों की सेवा करना चाहते हैं।
सन् 1886 ई. में सन्त पापा
लियो 13 वें ने कलकत्ता महाधर्मप्रान्त की रचना की थी। आसनसोल, बारुईपुर, बागडोगरा, दार्जीलिंग,
जलपाईगुड़ी, क्रिशनगर तथा रायगंज कलकत्ता महाधर्मप्रान्त के अधीन आते हैं।
इस
समय महाधर्मप्रान्त में 57 पल्लियाँ तथा 17 लघु पल्लियाँ हैं जिनकी प्रेरिताई 224 पुरोहित
कर रहे हैं। 125 धर्मबन्धु तथा 950 धर्मबहनें भी महाधर्मप्रान्त में सेवारत हैं।