ओत्तावा, ओनतारियो 16 जनवरी, 2012 (ज़ेनित) कनाडा के धर्माध्यक्षों ने इस बात की घोषणा
की है कि उनके धर्माध्यक्षीय समिति वेब साइट का एक भाग कनाडा के आदिवासियों के लिये समर्पित
कर दिया है।
वेब साइट को लोगों के लिये उस समय समर्पित किया गया जब कनाडा की
प्रथम महिला संत मारग्विरेते बोरजियोस का त्योहार मनाया गया। विदित हो कि संत मारग्विरिते
ने फ्रांसीसी कोलोनियों में रह रहे आदिवासियों शिक्षा और विकास में अपना जीवन बिता दिया।
ज़ेनित समाचार के अनुसार कनाडा के आदिवासियों को समर्पित इस वेब पेज़ में आदिवासियों
के इतिहास, आदिवासी ख्रीस्तीय परंपरा को जानने तथा कनाडा के चार प्रांतों में आदिवासियों
के लिये किये जा रहे कलीसियाई प्रयासों के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकेगी।
वेब
पेज़ में आदिवासियों के इतिहास के साथ उन बातों की भी चर्चा है जिसमें आदिवासियों का
कलीसिया के साथ संघर्ष मेल-मिलाप और आशा भरी नयी योजनाओं के लिये भी खण्ड बनाये गये हैं।
आदिवासियों के लिये समर्पित इस वेबपेज में जिन बातों के लिये स्थान सुरक्षित
हैं उनमें संत पापा के संदेश, संत पापा से मुलाक़ात ‘लेट जस्टिस फ्लो लाइक अ माइटी रिभर’,
‘ब्लेसेड कातेरी तेकाकविता’, ‘इंडियन रेसिडेन्सियल स्कूल्स’, ‘रिटर्निंग टू स्पिरिट’
और सीसीसीबी आर्ट शामिल हैं।
वेब पेज़ में कहा गया है कि " काथलिक कलीसिया के
आरंभिक दिनों से ही पश्चिमी गोलार्द्ध में आदिवासियों के हितों का विशेष रूप से ख़्याल
रखा गया है और उनमें से कई तो कलीसिया के अंग भी बन गये हैं।"
जैसा कि संत पापा
जोन पौल द्वितीय ने कहा था, "सुसमाचार प्रचार का कार्य असीमित रहा है और विभिन्न चुनौतियों
के बावजूद कलीसिया ने सदा ही आदिवासियों के साथ दिया है, उनके दुःख-सुख तथा आकाक्षांओं
में साथ दिया है और उनके व्यक्तिगत और सामुदायिक अधिकारों को पाने के संघर्ष में सदा
ही उनका साथ दिया है। और अब कलीसिया चाहती है कि मूलवासी और बाहरी लोगों को एक ही मंच
दे। बाहरी लोगों ने स्थानीय लोगों या मूलवासियों के आगे चलकर तो कभी उनका अनुसरण कर तो
कई बार कंधे-से-कंधा मिला कर उनकी अगवाई की है।"