नई दिल्ली, 16 जनवरी, 2012 (कैथन्यूज़) यूरोपियन यूनियन की सरकारों ने एचआईवी एड्स पीड़ितों
की सहायता के लिये कलीसिया से सहायता की माँग है।
कैथन्यूज़ के अनुसार रूस
जहाँ ख्रीस्तीय कलीसिया के साथ सरकार का रवैया सकारात्मक नहीं होने के बावजूद एड्स से
पीड़ितों ने कलीसिया की शरण ली है।
रूस के रेयाज़ान प्रांत में अधिकारियो
ने इस बात की घोषणा की कि उन्होंने स्थानीय काथलिक धर्मप्रांत से एड्स पीड़ितों को सहायता
देने की अपील की है। अधिकारियों के अनुसार बीमारों की सेवा करना राज्य सरकार की क्षमता
से बाहर हो गयी है।
जर्मनी में काथलिकों और प्रोटेस्टंट कलीसियाओं ने एड्स
पीड़ितों के के लिये एक नेटवर्क बनाया है जिसके तहत् कई एड्स पीड़ितों का इलाज़ हो रहा
है।
जर्मनी प्रोटेस्टंट पास्टर दोरोथिया स्ट्राउस ने जो पास्टोरल केयर सेंटर
खोला है वह सन् 1993 से ही एचआईवी एड्स पीड़ितों और उनके परिवार के सदस्यों की सेवा में
सलंग्न है।
उधर वाटिकन में भी 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के रूप में महत्त्व
दिया जाने लगा है।
यूनाइटेड नेशन्स वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गानाइजेशन ने जानकारी
दी है कि सेंट्रल यूरोप और सेन्ट्रल एशिया में एड्स पीड़ितों की संख्या में भारी वृद्धि
हुई है। सन् 2001 से सन् 2010 के आँकड़ों से पता चलता है कि रूस और यूक्रेन में एड्स
संक्रमण 250 प्रतिशत के दर से बढ़ गया है।
एक अन्य रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र
संघ ने जानकारी दी है कि ईरान में एड्स की बीमारी से पीड़ित लोगों की संख्या में 2005
के बाद में कमी पायी गयी है। इस आँकड़े के मुताबिक जहाँ एड्स पीड़ितों की संख्या सन्
2001 में 3.1 मिलियन थी जो सन् 2010 में घटकर 2.7 मिलियन रह गयी है।
विदित
हो कि विश्व में एड्स बीमारी से पीड़ित लोगों की संख्या 34 मिलियन है और पिछले तीन सालों
में इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 25 मिलियन रिपोर्ट किया गया है।