नई दिल्ली, सीबीसीआई के तहत् कार्यरत् कारितास इंडिया अपनी स्थापना की 50वीं वर्षगाँठ
के अवसर पर अनेक कार्यक्रम की घोषणा की है। कारितास इंडिया की स्थापना सन् 1962 ईस्वीम
में की गयी थी ताकि देश के लोगों का जाति धर्म और संस्कृति का भेदभाव किये बिना प्राकृतिक
आपदाओं तथा अन्य विपत्तियों के समय ज़रूरतमंदों की सेवा की जा सके। स्वयंसेवी संस्था
के पचास वर्ष पूरे होने के अवसर पर कई कार्यक्रमों की घोषणा की गयी है जिनमें दिल्ली
में 20-21 जनवरी को एक कार्यशाला का आयोजन प्रमुख है जिसे राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किया
है। इस अवसर पर दो किताबों का विमोचन होगा जिसमें कारितास इंडिया के कार्य एवं योगदान
की चर्चा है। इसके साथ कारितास इंडिया अन्य 15 सेमिनारों का आयोजन करेगी जो क्षेत्रीय
स्तर पर होंगे। विदित हो कि कारितास इंडिया की स्थापना सन् 1962 ईस्वी में हुई और
तब से इसने विकास और सशक्तिकरण के क्षेत्र में मह्त्वपूर्ण योगदान दिये हैं। सूसन
थोमस के अनुसार कारितास इंडिया ने 50 वर्ष की अपनी यात्रा में ग़रीबों, दबे और कुचले
हुओँ सशक्तिकरण के मार्ग में ठोस योगदान दिये हैं। उन्होंने बतलाया कि देश में अभी
64 धर्मप्रांतों में कारितास कार्यरत है और करीब 300 स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ मिल कर
कार्य कर रहा है। उन्होंने इस बात की भी जानकारी दी कि कारितास इंडिया ने सन् 1993
में महाराष्ट्र के लातुर क्षेत्र में भूकम्प पीड़ितों के लिये 8 गाँव बसाये जिसमें पानी
बिजली स्वास्थ्य स्कूल होस्टेल और समुदाय निर्माण में 250 मिलियन रुपये राज्य सरकार को
दिये थे। सन् 1996 ईस्वी में आंध्रप्रदेश में तूफान के बाद 1 हज़ार घर बनाये। इसी तरह
सन् 1971 से 1977 के बीच उड़ीसा में 1,674 मकान बनाये और गुजरात में सन् 2001 के भूकम्प
के बाद 3,100 घर बनवाये और सन् 2004 में आये सुनामी में करीब 10, 000 परिवारों के लिय
खाद्यपदार्थों की व्यवस्था की।