2012-01-10 12:06:42

नई दिल्लीः सन्त पापा का शांति सन्देश न्याय एवं शांति की स्थापना हेतु मार्गदर्शक


नई दिल्ली, 10 जनवरी सन् 2012 (एशिया न्यूज़): भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के प्रवक्ता फादर जोसफ बाबू ने विश्व शांति दिवस के उपलक्ष्य में जारी सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें के सन्देश पर अपनी प्रतिक्रिया दर्शाते हुए कहा है कि सन्त पापा का शांति सन्देश न्याय एवं शांति की स्थापना हेतु मार्गदर्शक सिद्ध हो सकता है।

पहली जनवरी को काथलिक कलीसिया द्वारा घोषित 45 वाँ विश्व शांति दिवस मनाया गया। इस वर्ष के सन्देश में सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने शांति की स्थापना हेतु युवाओं को मूल्यों पर आधारित शिक्षा प्रदान करने पर बल दिया है।

सन्त पापा ने कहा है कि आरम्भ ही से बच्चों का आचार व्यवहार, न्याय एवं शांति के आधार पर, विकसित किया जाये। सन्त पापा कहते हैं, "यथार्थ शिक्षा परिवार से शुरु होती है तथा ज्ञानार्जन के अन्य अनुभवों के साथ साथ स्कूलों में विकसित होती है।" वे कहते हैं, "शांति कभी भी पूरी तरह हासिल सम्पत्ति नहीं होती बल्कि यह एक लक्ष्य है जिसे पाने के लिये हम सभी को अनवरत प्रयास करते रहना चाहिये। ऐसा लक्ष्य जो पुनर्मिलन, मैत्री एवं न्याय के ठोस कार्यों में दृश्यमान होना चाहिये।"

बैंगलोर में, पहली जनवरी से आठ जनवरी तक आयोजित, भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन की कार्यकारी समिति की बैठक के अवसर पर फादर जोसफ बाबू ने सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें के शांति सन्देश पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा, "शिक्षा कलीसिया के मिशन का अभिन्न अंग है क्योंकि इससे युवाओं में सत्य, न्याय एवं शांति के मूल्यों को आरोपित किया जा सकता है।" उन्होंने कहा कि आज, जहाँ धर्म और ईश्वर के प्रति लोगों में उदासीनता बढ़ रही है, मूल्यों की शिक्षा दिया जाना नितान्त आवश्यक हो गया है क्योंकि ईश्वर से अलग कोई भी विचारधारा लोगों को शांति की गारंटी नहीं दे सकती।

फादर बाबू जोसफ ने कहा कि भारत में काथलिक कलीसिया के शिक्षा मिशन का उद्देश्य, सभी नागरिकों के लिये, भारत को, सामाजिक एवं आर्थिक न्याय से परिपूर्ण, एक बेहतर स्थल बनाना है।











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