लाहौरः आसिया बीबी के वकील एवं मानवाधिकार कार्यकर्त्ताओं को मिली मौत की धमकियाँ
लाहौर, 09 जनवरी सन् 2012 (सेदोक): पाकिस्तान में ईश निन्दा कानून के आरोप में गिरफ्तार
45 वर्षीय ख्रीस्तीय महिला आसिया बीबी के वकीलों एवं उनके पक्ष में आवाज़ उठानेवाले मानवाधिकार
कार्यकर्त्ताओं को इस्लामी चरमपंथियों से मौत की धमकियाँ मिली हैं।
आसिया बीबी
इस समय पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त के शेखपुरा जेल में क़ैद हैं। उनकी रिहाई के लिये
विगत कुछ माहों से ख्रीस्तीय एवं मानवाधिकार कार्यकर्त्ताओं ने अपना अभियान तेज़ कर दिया
है।
पाकिस्तान के मानवाधिकार संगठन सभी शुभचिन्तकों से आसिया बीबी के बचाव का
आग्रह कर रहे हैं क्योंकि वे निर्दोष हैं। वकीलों का कहना है कि आसिया बीबी के प्रकरण
में ईश निन्दा कानून का दुरुपयोग हुआ है। एक वकतव्य में उन्होंने कहा, "हम इस्लाम धर्म,
हज़रत मुहम्मद तथा सभी धर्मों का सम्मान करते हैं तथा हमारी आशा है कि आसिया बीबी का
प्रकरण पाकिस्तान के ख्रीस्तीय एवं मुसलमान समुदायों के बीच सेतु का काम करे दीवार का
नहीं।" आसिया बीबी के वकील एस.के. चौधरी ने एशिया समाचार से इस बात की पुष्टि की कि
उन्होंने उन्होंने हाईकोर्ट में दर्ज करने के लिये याचिका तैयार कर ली है जिसमें आसिया
की रिहाई के साथ साथ उनके परिवार सदस्यों की सुरक्षा का निवेदन किया गया है।
पाकिस्तान
के मसीह फाऊन्डेशन ने भी आसिया बीबी के प्रकरण पर काम करनेवाले वकीलों एवं मानवाधिकार
कार्यकर्त्ताओं के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया है। विशेष रूप से फाऊन्डेशन ने सन्त पापा
बेनेडिक्ट 16 वें के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की है जिन्होंने सदैव मानवाधिकारों के पक्ष
में अपनी आवाज़ उठाई है। फाऊन्डेशन के अनुसार सन्त पापा के शब्द मानव प्रतिष्ठा एवं व्यक्ति
के सम्मान को प्रोत्साहन देते हैं।