2012-01-05 11:40:20

लन्दनः पाकिस्तान के ईश-निंदा कानून में संशोधन की मांग


लन्दन, 05 जनवरी सन् 2012( भी.भी.शी): इस बीच, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के पूर्व राज्यपाल सलमान तासीर की हत्या की पहली बरसी के अवसर पर मानवाधिकार संस्था अंतरराष्ट्रीय क्षमादान आयोग 'ऐम्नेस्टी इंटरनेशनल' ने पाकिस्तान की सरकार का आह्वान किया है कि वह ईश-निंदा क़ानून में संशोधन करे।

ग़ौरतलब है कि सलमान तासीर के हत्यारे मुमताज़ क़ादरी ने हत्या का अपराध स्वीकारते हुए कहा था कि उसने सलमान तासीर को ईश-निंदा कानून के ख़िलाफ़ बयान देने के कारण मार दिया था।

"ऐम्नेस्टी इंटरनेशनल" के साम ज़रीफ़ ने एक वकतव्य जारी कर इस बात पर खेद व्यक्त किया कि एक निर्दोष महिला का समर्थन करने के कारण एक अतिवादी ने पूर्व राज्यपाल की हत्या कर दी थी। इसके अतिरिक्त, उन्होंने कहा कि सलमान तासीर की हत्या के मुक़दमे का फ़ैसला सुनाने वाले न्यायाधीश भी लापता हैं इससे स्पष्ट है कि ईशनिन्दा कानून न्यासंगत नहीं है तथा इसका दुरुपयोग होता रहा है।

रावलपिंडी की आतंकवाद निरोधक अदालत ने तासीर के हत्यारे मुमताज़ क़ादरी को अक्तूबर 2011 में मौत की सज़ा सुनाई थी किन्तु इसके तुरंत बाद अदालत के न्यायाधीश ग़ायब हो गए थे। "ऐम्नेस्टी इंटरनेशनल" के वकतव्य में कहा गया कि '"पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून की आड़ में कोई भी व्यक्ति किसी की भी हत्या कर उसे धार्मिक रंग दे सकता है यह एक अत्यन्त ख़तरनाक बात है।"

वकतव्य में स्मरण दिलाया गया कि पाकिस्तान की सरकार ने 2009 और 2010 में वादा किया था कि वह ईशनिंदा कानून में संशोधन पर विचार करेगी किन्तु विगत वर्ष सलमान तासीर और शाहबाज़ भट्टी की हत्या के बाद से सरकार इस मुद्दे पर ख़ामोश हो गई है।

ग़ौरतलब है कि सलमान तासीर की हत्या के एक महीने बाद कुछ अज्ञात लोगों ने इस्लामाबाद में अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री शाहबाज़ भट्टी पर गोलियाँ चला दी थीं जिसमें उनकी हत्या हो गई थी। शाहबाज़ भट्टी काथलिक धर्मानुयायी थे तथा ईश-निंदा कानून में संशोधन की मांग करते रहे थे।









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