2011-12-27 12:02:23

भूबनेश्वरः कलीसियाई अधिकारी ने कहा उड़ीसा में ख्रीस्तीयों का उत्पीड़न जीती जागती क्रिसमस कहानी


भूबनेश्वर, 27 दिसम्बर सन् 2011 (फीदेस): कटक-भूबनेश्वर महाधर्मप्रान्त के प्रवक्ता काथलिक पुरोहित फादर मृत्यंजय दिगाल ने फीदेस समाचार से बातचीत में कहा है कि उड़ीसा में ख्रीस्तीयों का उत्पीड़न जीती जागती क्रिसमस की कहानी है।

क्रिसमस से दो दिन पहले 23 दिसम्बर को फीदेस समाचार से उन्होंने कहा कि उड़ीसा के ख्रीस्तीय धर्मानुयायी कई वर्षों से भय तथा आशा के बीच क्रिसमस महापर्व की तैयारियाँ करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि उड़ीसा के कन्धामाल में सन् 2007 में ख्रीस्तीयों के विरुद्ध हिन्दु अतिवादियों की हिंसा शुरु हुई थी जो सन् 2008 में अपने चरम पर पहुँची तथा जिससे कन्धामाल ज़िले के लगभग 50,000 ख्रीस्तीय विस्थापित हो गये।

फादर दिगाल ने कहा, "क्रिसमस मानवजाति के प्रति ईश्वर के प्रेम का सन्देश लाता है। वह प्रभु के आने की उदघोषणा करता जो हमारी कठिनाइयों, संघर्षों एवं हर्ष में हमारे बीच आते हैं।" उन्होंने कहा कि संघर्ष, पीड़ा तथा उत्पीड़न मुक्ति इतिहास का अभिन्न अंग हैं और इसी का अनुभव विगत कुछ वर्षों से उड़ीसा के ख्रीस्तीय धर्मानुयायी करते आये हैं।

इस बीच, कन्धामाल से प्राप्त समाचारों के अनुसार ज़िले में हिन्दु चरमपंथी दल कुई समाज सेवा समिति द्वारा 24 से 27 दिसम्बर तक बुलाई गई हड़ताल के मद्देनज़र, ख्रीस्तीय गिरजाघरों एवं ख्रीस्तीय आश्रमों के परिसरों में पुलिस एवं सुरक्षा कर्मियों का लगातार पहरा रहा जिससे क्रिसमस की पूर्व सन्ध्या, मध्यरात्रि एवं 25 दिसम्बर को क्रिसमस सम्बन्धों ख्रीस्तयाग समारोह एवं प्रार्थना सभाएँ सचारु रूप से तथा शान्तिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हो सकी।








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