नेपालः पहली बार लोगों को आक्रमण रहित क्रिसमस की प्रतीक्षा
नेपाल, 24 दिसम्बर सन् 2011(एशियान्यूज़): इस वर्ष पहली बार, नेपाल के ख्रीस्तीय धर्मानुयायी
आक्रमणों से रहित क्रिसमस महापरव मनाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
एशिया न्यूज़
सूत्रों के अनुसार राजधानी काठमाण्डू के गिरजाघरों, होटलों, दूकानों एवं घरों में क्रिसमस
का साज सज्जा देखी जा सकती है तथा इस बात को महसूस किया जा सकता है कि नेपाली लोग स्वतंत्र
रूप से क्रिसमस मनाना चाहते हैं। युवा काथलिक संगठन ने ख्रीस्तजयन्ती गीतों की तैयारियाँ
कीं हैं तथा घर घर जाकर क्रिसमस के भजनों की प्रस्तुति करने की योजना है।
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वर्षीय मीना घिमिरे ने बताया कि अतीत में ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों को हिन्दु चरमपंथियों
के हमलों का भय लगा रहता था इसलिये उन्होंने कभी भी स्वतंत्र रूप से क्रिसमस नहीं मनाया।
सन् 2006 में नेपाल में राजशाही के समापन के बाद पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये
सरकार ने क्रिसमस को एक राष्ट्रीय अवकाश का दिन घोषित कर दिया है तथा क्रिसमस समारोह
की अनुमति दे दी है। तथापि, सन् 2009 तक नेपाल के ख्रीस्तीय तथा अन्य अल्पसंख्यक दल हिन्दु
चरमपंथी दलों की हिंसा का शिकार बनते रहे थे।
सन् 2008 में येसु धर्मसमाजी पुरोहित
फादर प्रकाश जॉन की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, इसी वर्ष बीरन्तनगर स्थित एक मस्जिद
में बम विस्फोट किया गया जिसमें दो व्यक्तियों की मौत हो गई थी तथा सन् 2009 के मई माह
में हिन्दु चरमपंथियों ने काठमाण्डू स्थित मरियम महागिरजाघर में बम विस्फोट किया जिसमें
दो व्यक्तियों के प्राण चले गये थे तथा 13 घायल हो गये थे।
हिन्दु बहुल राष्ट्र
नेपाल में काथलिक धर्मानुयायियों की संख्या लगभग 10,000 है।