वाटिकन सिटी, 19 दिसंबर, 2011(सीएनए) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने न्यूजीलैंड और साउथ
पैसेफिक के धर्माध्यक्षों से कहा, " वे लोगों को ख्रीस्तीय विश्वास को दें जो समाज की
सबसे मजबूत नींव है तथा नया सुसमाचार, ख्रीस्तीय संस्कृति बनाने का सबसे कारगर रास्ता।"
संत पापा ने उक्त बातें उस समय कहीं जब उन्होंने 17 दिसंबर, शनिवार को पाँच
दिवसीय अद लिमिना विजिट के अन्त में रोम आये न्यूजीलैंड और साउथ पैसेफिक के धर्माध्यक्षों
को संबोधित किया।
संत पापा ने कहा, " ‘अदलिमिना विजिट’ के दौरान धर्माध्यक्षों
ने सांसारिकता को आधुनिक समाज की सबसे बड़ी चुनौती बतलाया है जो एक ऐसा सत्य है जिससे
काथलिक विश्वास और जीवन भी प्रभावित होने लगा है।"
धर्माध्यक्षों ने बतलाया कि
सांसारिकता का प्रभाव ख्रीस्तीय विवाह की पवित्रता को कम महत्त्व देने और परिवार की स्थायित्व
की सराहना नहीं करने में दिखलाई पड़ता है। संत पापा ने कहा, " इसका जवाब है - नया
सुसमाचार। उन्होंने बतलाया कि नये सुसमाचार के लिये बनी परमधरमपीठीय समिति की स्थापना
इसी उद्देश्य से की गयी है।
उन्होंने कहा, " चूँकि ख्रीस्तीय विश्व की नींव
येसु मसीह शरीरधारी शब्द हैं इसलिये नया सुसमाचार का एक अमूर्त या निराकार सिद्धांत नहीं
है पर कलीसिया की शिक्षा के आधार पर ख्रीस्तीय जीवन का नवीनीकरण है।"
संत पापा
ने कहा, धर्माध्यक्ष और ख्रीस्तीय धार्मिक नेताओं को चाहिये कि वे स्थानीय ज़रूरतों और
परिस्थितियों को ध्यान देते हुए एक कार्ययोजना बनायें और कलीसिया और समाज के लिये येसु
ख्रीस्त के राजदूत बनें।
संत पापा ने कहा, धर्माध्यक्ष- पुरोहितों, धर्मबंधुओं
और धर्मबहनों की मदद करें ताकि वे अपने संस्थापक के विशिष्ट गुणों के प्रति वफ़ादार रहें
ताकि ईश्वरीय प्रेम के प्रति उनका अनवरत साक्ष्य प्रेम, विश्वास और सत्यता से पूर्ण जीवन
दीपस्तंभ बन सके।
विदित हो कि 12 से 17 दिसंबर तक न्यूजीलैंड और साउथ पैसेफिक
के धर्माध्यक्षों ने संत पापा से मुलाक़ात की।
साउथ पैसेफक के अन्तर्गत कुक आइलैंज,
फिजी, फ्रेंच पोलिनेसिया, किरिबाती मार्शल आइलैंज, माइक्रोनिशिया, न्यू कलेदोनिया. पालाउ,
समोआ, तोन्गा, तुभालु,वन्वातु, वाल्लिस और फुतुना के क्षेत्र आते हैं।
इस दल
में अमेरिका पर निर्भर रहने वाले उत्तर मरियाना द्वीप, अमेरिकन समोआ और गुवाम क्षेत्र
के धर्माध्यक्षों ने भी संत पा से मुलाक़ात की।