2011-12-19 08:56:04

वाटिकन सिटीः देवदूत प्रार्थना से पूर्व दिया गया सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें का सन्देश


श्रोताओ, रविवार 18 दिसम्बर को, सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में तीर्थयात्रियों के साथ देवदूत प्रार्थना के पाठ से पूर्व, सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने, प्रभु के दूत गाब्रियल द्वारा कुँवारी मरियम को मिले सन्देश पर चिन्तन किया। मरियम के कौमार्य के रहस्य पर मनन करते हुए सन्त पापा ने उपस्थित भक्त समुदाय को इस प्रकार सम्बोधित कियाः

“अति प्रिय भाइयो एवं बहनो,
इस वर्ष, आगमन काल के इस चौथे एवं अन्तिम रविवार को, पूजन विधि के लिये निर्धारित धर्मग्रन्थ पाठ हमारे समक्ष मरियम को देवदूत द्वारा मिले सन्देश की प्रस्तावना करते हैं। पवित्र कुँवारी मरियम जब दिव्य सन्देश प्राप्त करती तथा उसका जवाब देती हैं, उस क्षण मरियम की सुन्दर छवि पर यदि मनन करें तो हम उस आन्तरिक सच्चाई के प्रकाश से आलोकित होते हैं जो अनवरत विद्यमान रहती तथा उस रहस्य से, नित्य नवीन होती रहती है। विशेष तौर पर, मैं, मरियम के कौमार्य के महत्व पर संक्षेप में विचार करना चाहूँगा, इस रहस्य पर विचार करना चाहूँगा कि अपने कौमार्य को बरकरार रखते हुए मरियम ने येसु को अपने गर्भ में धारण किया।"

सन्त पापा ने आगे कहाः "नाज़रेथ की घटना की पृष्ठभूमि है, प्राचीन व्यवस्थान के नबी, इसायाह की भविष्यवाणी। इसायाह के ग्रन्थ के सातवें अध्याय के 14 वें पद में लिखा हैः "प्रभु स्वयं तुम्हें एक चिन्ह देगा और वह यह है - एक कुँवारी गर्भवती होगी, वह एक पुत्र को प्रसव करेगी और उसका नाम इम्मानूएल रखा जायेगा।" प्राचीन व्यवस्थान की इस प्रतिज्ञा को ईश पुत्र के देहधारण में परिपूर्णता प्राप्त हुई। वास्तव में, कुँवारी केवल गर्भवती ही नहीं हुई उन्होंने पवित्रआत्मा के सामर्थ्य से अर्थात स्वयं ईश्वर द्वारा इस कार्य को पूरा भी किया। उनके गर्भ में पलने वाले मानव प्राणी ने मरियम से देहधारण की, परन्तु उसका सम्पूर्ण अस्तित्व पूरी तरह ईश्वर से आया। वे पूर्णतः मानव हैं, बाईबिल के प्रतीक का यदि उपयोग किया जाये तो, मिट्टी से बने मानव, तथापि, ऊपर से, स्वर्ग से आये हैं। यह तथ्य कि कुँवारी रहने के बावजूद मरियम ने गर्भधारण किया, येसु एवं हमारे विश्वास के लिये, महत्वपूर्ण तथ्य है क्योंकि यह इस बात को साक्ष्य देता है कि यह ईश्वर की पहल थी तथा इससे गर्भ में पोषित होनेवाले यानि कि येसु हमारे समक्ष प्रकट हुए। जैसा कि सुसमाचारों में हम पढ़ते हैं: "स्वर्गदूत ने उत्तर दिया, "पवित्र आत्मा आप पर उतरेगा और सर्वोच्च प्रभु की शक्ति की छाया आप पर पड़ेगी। इसलिए जो आप से उत्पन्न होंगे, वे पवित्र होंगे और ईश्वर के पुत्र कहलायेंगे।" सन्त पापा ने कहा कि इस अर्थ में, मरियम का कौमार्य तथा येसु की दिव्यता आपस में एक दूसरे की गारंटी देते हैं। इसीलिये मरियम का वह प्रश्न अत्यधिक महत्वपूर्ण है जो घबराकर मरियम देवदूत से करती हैं, "यह कैसे हो सकता है? मेरा तो पुरुष से संसर्ग नहीं है।" अपनी सादगी एवं सरलता में, मरियम ईश्वर की शक्ति पर तनिक भी सन्देह नहीं करती, किन्तु ईश इच्छा को और अच्छी तरह से समझने का प्रयास करती हैं ताकि ईश इच्छा के प्रति स्वतः को पूर्णतः समर्पित कर सकें। मरियम अनन्तकाल तक रहस्य से परिपूर्ण हो गई हैं तथापि, वे उसी जगह को अपने लिये स्वीकार करती हैं जिसे ईश्वर ने उनके लिये तय किया है। उनका हृदय एवं उनकी आत्मा पूर्णतः विनम्र हैं, और उनकी विनम्रता के कारण ही, ईश्वर, अपनी योजना को सम्पादित करने के लिये, इस कुँवारी से "हाँ" की अपेक्षा करते हैं। वे उनकी प्रतिष्ठा और उनकी स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं। मरियम की "हाँ" का तात्पर्य, एक ही साथ, उनके कौमार्य और उनके मातृत्व से है। वे चाहती हैं कि सबकुछ ईश्वर की महिमा के लिये हो तथा वह पुत्र जो उनसे जन्म लेगा वह पूर्णतः कृपा का वरदान हो।"

इस चिन्तन के बाद सन्त पापा ने कहाः "प्रिय मित्रो, मरियम का कौमार्य अद्वितीय है, वह फिर कभी भी दुहराया न जानेवाला तथ्य है; किन्तु उसका आध्यात्मिक अर्थ, उसका आध्यात्मिक मर्म प्रत्येक ख्रीस्तीय धर्मानुयायी से ताल्लुक रखता है। वास्तव में, यह, विश्वास से संलग्न हैः सचमुच, जो व्यक्ति हृदय की अतल गहराई से ईश्वर में अपने विश्वास की अभिव्यक्ति करता है, वह अपने अन्तर में येसु का स्वागत करता है, वह येसु के दिव्य जीवन को हृदयंगम करता है ताकि पवित्रआत्मा उसमें सक्रिय हो सकें। यही है, क्रिसमस यानि ख्रीस्तजयन्ती का रहस्य। मेरी मंगलकामना है कि आप सभी इस रहस्य को आन्तरिक एवं आत्मीय हर्ष के साथ जी सकें।"

इतना कहकर सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में उपस्थित तीर्थयात्रियों के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सब पर प्रभु की शांति का आव्हान कर सबको अपना प्रेरितिक आर्शीवाद प्रदान किया ----------------------------

देवदूत प्रार्थना के उपरान्त सन्त पापा ने अँग्रेज़ी भाषा में कहाः ............ "सभी अँग्रेज़ी भाषा भाषियों के प्रति मैं हार्दिक शुभकामनाएँ अर्पित करता हूँ। आज के सुसमाचार पाठ में हमने कुँवारी मरियम को गाब्रियल दूत से मिले सन्देश के बारे में पढ़ा कि वे पुत्र प्रसव करेंगी तथा उनका नाम येसु रखेंगी। जिस प्रकार निष्कंलक कुँवारी मरियम ईश्वर को हमारे पास लाईं उसी प्रकार हम भी उनके द्वारा ईश्वर तक ले जाये जाने से भयभीत न होवें। आगमन के इस आख़िरी सप्ताह में, प्रभु के आने की तैयारी हेतु, अपने प्रयासों को हम सघन करें। आप पर तथा आपके सभी प्रिय जनों पर, मैं सर्वशक्तिमान् प्रभु ईश्वर की आशीष का आह्वान करता हूँ।"








All the contents on this site are copyrighted ©.