2011-12-16 16:53:43

रब्बी साक्स की चिंता- यूरोप यहूदी-ईसाई विरासत खो रहा है


रोम इटली 16 दिसम्बर 2011 (सीएनए) यूनाईटेड किंगडम और ब्रिटिश कामनवेल्थ के मुख्य रब्बी लोर्ड जोनाथान साकस ने संत पापा से 12 दिसम्बर को मुलाकात की। इस अवसर पर उन्होंने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यूरोप अपनी यहूदी-ईसाई विरासत खो रहा है। उन्होंने संत पापा ने साथ मुलाकात सम्पन्न करने के बाद वाटिकन रेडियो को दिये साक्षात्कार में कहा कि उन्हें यूरोप की आत्मा के बारे में चिंता है अर्थात यूरोप की रचना यहूदी-ईसाई बुनियादों पर हुई यहाँ तक कि बाजार-व्यवस्था की नीतियाँ यहूदी-ईसाई आधार पर हुई।
मुख्य रब्बी लोर्ड जोनाथान साकस ने कहा कि यहूदी ईसाई जड़े ऐतिहासिक रूप से व्याख्या करते हैं कि पाश्चात्य जगत क्यों अन्य संस्कृतियों के सामने राजनैतिक और आर्थिक रूप से अग्रणी रहा है। उनका विश्वास है कि आधुनिक दुनिया में धार्मिक नेताओं के पास कोई अधिकार नहीं है लेकिन फिर भी वे बहुत हद तक प्रभावित कर सकते हैं।
मुख्य रब्बी साकस ने कहा कि संत पापा का प्रभाव है इसलिए वे उनसे मिलने आये हैं। यह प्रभाव उन्होंने विगत वर्ष संत पापा की चार दिवसीय स्काटलैंड और इंगलैंड की यात्रा के समय देखा जब लोगों में आश्चर्यजनक तरीके से व्यापक स्तर पर उत्सुकता थी। उन्होंने कहा कि धार्मिक नेताओं को राजनैतिक ताकत होने की आकांक्षा नहीं रखनी चाहिए लेकिन वे लोगों के साथ बातचीत करने में शामिल हैं जब वे सोच रहे हैं कि जीवन के अर्थ के बारे में क्या जवाब देंगे, बच्चों के लिए किस प्रकार की मूल्य पद्धति सौंपेंगे।
मुख्य रब्बी साकस का मानना है कि यूरोप में बहुत तेजी से लोग उन जवाबों से अंसुष्ट हो रहे हैं जो धार्मिक उदासीनता तथा भौतिकवाद द्वारा दिया जा रहा है। उन्होंने स्वार्थ में वृद्धि और जन्मदर में गिरावट को दो कारक माना है। अनेक लोग सोचते हैं कि व्यापक धार्मिक उदासीनता वाली संस्कृति में कुछ कमी है जहाँ केवल निजी जरूरतो, इच्छाओं तथा निजी स्वतंत्रता को महत्व दिया जाता है । उन्होंने कहा वे बढ़ावा देना चाहते हैं कि संसार भर में यहूदी-ईसाई संयुक्त रूप सामीवाद विरोधी तथा ईसाई विरोधी अत्याचारों का सामना करें। यह महत्वपूर्ण है कि यहूदी, ब्रिटेन के यहूदी और यूरोपीय यहूदी समुदाय ईसाईयों के समीप सह्दयता के भाव में खड़े हों।








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