2011-12-15 16:30:14

श्रीलंका में धर्मबहन सिस्टर एलिशा को अदालत ने दोषमुक्त करार दिया


कोलम्बो श्रीलंका 15 दिसम्बर 2011 (ऊकान) श्रीलंका के कोलम्बो में प्रेम निवास नामक अनाथालय की निदेशिका मिशनरीज ओफ चारिटी धर्मसमाज की धर्मबहन सिस्टर एलिशा को अदालत ने दोषमुक्त करार दिया है। ज्ञात हो कि National Child Protection Authority (NCPA), राष्ट्रीय बाल सुरक्षा प्राधिकार एनसीपीए के अधिकारियों ने 23 नवम्बर को प्रेम निवास अनाथालय में छापेमारी की थी तथा दो दिन बाद सिस्टर सुपीरियर सिस्टर एलिशा को गिरफ्तार कर जमानत पर रिहा किया था।

अधिकारियों ने अदालत को बताया कि धर्मबहनों द्वारा कोई भी अवैध कार्य नहीं किया गया है। एनसीपीए के सब इंस्पेक्टर शीला ने कहा कि राज्य सुरक्षा संस्थानों के तीन अलग-अलग विभागों द्वारा किये गये जाँच में पाया गया कि अनाथालय का संचालन वैधानिक तरीके से किया जा रहा है। मजिस्ट्रेट ने धर्मबहन एलिशा को मुक्त करने तथा उन्हें सब दस्तावेज लौटाने का आदेश पारित किया।

कोलम्बो महाधर्मप्रांत के वाईस ज्यूडिशियल विकर फादर नोयल डायस ने कहा कि एनसीपीए को संस्थान के बारे में पर्याप्त गोपनीयता रखनी चाहिए थी तथा इस मामले में संस्थान की प्रतिष्ठा पर आंच आयी है। धर्मबहन का पक्ष रखनेवाले काथलिक वकील नेविल्ले अबयारत्ने ने कहा कि गिरफ्तारी अवैध है तथा अवांक्षित पब्लिसिटी की गयी जिससे धर्मबहनों तथा सम्पूर्ण काथलिक कलीसिया को भी बहुत कठिनाई हुई है। उन्होंने कहा कि इस मामले के परिणाम से यह सिद्ध हो गया है कि धर्मबहनें मानवतावादी कार्यों को सम्पन्न कर रही हैं तथा जरूरतमंदो की सेवा करने के अपने मिशन के कारण एनसीपीए के खिलाफ किसी प्रकार की कोई कार्य़वाही करने की उनकी रूचि नहीं है। सिस्टर एलिशा ने कहा कि वे उन सबलोगों को माफ करती हैं जिन्होंने उन्हें जेल में रखवाया।

न्यायालय की कार्यवाही के समय बड़ी संख्या में पुरोहित धर्मबहन और नागरिक अधिकार कार्यकर्त्ता जमा हुए थे। उन्होंने अदालत द्वारा धर्मबहन को आरोप मुक्त करते हुए रिहा किये जाने पर ईश्वर को धन्यवाद देने के लिए प्रार्थना सभाओं का आयोजन किया। सरकारी मीडिया प्रवक्ता ने कहा कि बाल विकास मंत्री ने इस मामले के संदर्भ में किसी प्रकार की संभावित गलती के लिए पहले ही क्षमा याचना की है।








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