9 दिसम्बर 2011 (काथलिक न्यूज) प्रसन्नता या खुशी पर धर्म का प्रभाव विषय पर किये गये
एक अध्ययन में कहा गया है कि यूरोप में सबसे अधिक खुश ईसाई हैं। यूरोपियन सोशल सर्वे
द्वारा प्रसन्नता पर धर्म का प्रभाव विषय पर किये गये एक अध्ययन में सन 2002-2003, 2004
और 2006 की तीन अवधि के आंकड़ों के विश्लेषण में 24 देशों के 1 लाख 14 हजार 19 व्यक्तियों
को शामिल किया गया। इस अध्ययन से उम्र, लिंग, आय, सामान्य स्वस्थ्य, वैवाहिक स्थिति,
मुख्य गतिविधि, बच्चों की संख्या तथा अन्यों के मध्य हर व्यक्ति का शैक्षणिक स्तर से
संबंधित जानकारियाँ मिलीँ। प्रसन्नता और धर्म के मध्य परस्पर संबंध पर पाये गये
आंकड़े बताते हैं कि धर्म या धार्मिक सम्प्रदायों से जुड़े होने का खुशी की मात्रा पर
प्रभाव होता है। जो लोग किसी धर्म को मानते हैं या किसी धार्मिक समुदाय से जुड़े हैं
उनमें अन्यों की अपेक्षा खुशी का स्तर अधिक है। यह भी पाया गया कि धर्म या सम्प्रदाय
का प्रसन्नता पर सार्थक प्रभाव है। प्रोटेस्टंट, अन्य ख्रीस्तीय धर्म तथा रोमी काथलिकों
के मध्य प्रसन्नता का उच्च स्तर देखा गया जबकि आर्थोडोक्य तथा पूर्वी धर्मों में प्रसन्नता
का स्तर निम्न पाया गया। रिपोर्ट के अनुसार प्रतीत होता है कि एक व्यक्ति के धार्मिक
होने तथा प्रसन्नता के मध्य सकारात्मक संबंध है। व्यक्ति जितना अधिक धार्मिक है वह उतना
ही अधिक प्रसन्न है। तथापि जो लोग स्वयं को किसी भी धर्म का नहीं मानते हैं उनकी खुशी
का स्तर उनके समकक्ष है जो धार्मिकता के स्केल पर स्वयं को 5 अंक देते हैं। रिपोर्ट के
अनुसार धार्मिक सभाओं में शामिल होने की बारम्बारता भी प्रसन्नता के साथ जुड़ी है। कहा
गया कि जो लोग प्रतिदिन धार्मिक सभाओं या कार्यक्रमों में शामिल होते हैं वे उनकी अपेक्षा
अधिक प्रसन्नचित्त हैं जो इन कार्यक्रमों में कभी नहीं जाते हैं।