वाटिकन सिटीः सन्त पापा के विशेष दूत कार्डिनल मार्तिनो म्यानमार की यात्रा पर
वाटिकन सिटी, 6 दिसम्बर सन् 2011 (सेदोक): म्यानमार में, याँगून-रंगून के काथलिक महागिरजाघर
की शत वर्षीय समारोह के लिये सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने, वाटिकन के वरिष्ठ कार्डिनल
रेनातो आर. मार्तिनो को अपना विशेष दूत नियुक्त किया है।
आठ दिसम्बर को याँगून
में काथलिक महागिरजाघर का शताब्दी समारोह मनाया जा रहा है जिसके लिये वाटिकन के राजनयिक
निकाय के सदस्य, विदेशी मिशनरी पुरोहितों के प्रतिनिधि तथा म्यानमार में कार्यरत लगभग
28 धर्मसंघों के प्रतिनिधि म्यानमार की यात्रा करेंगे। इस समारोह में जर्मनी, ऑस्ट्रिया,
कनाडा, ब्रिटेन, अमरीका तथा इटली से भी लोकोपकारी संगठनों के प्रतिनिधि शरीक होंगे।
म्यानमार के काथलिक सूत्रों के अनुसार समारोह में विपक्षी दल की नेता तथा बौद्ध
धर्मानुयायी श्रीमती आऊन सान सूकी भी उपस्थित होंगी तथा कार्डिनल मार्तिनो से मुलाकात
करेंगी।
याँगून का काथलिक महागिरजाघर सन्त पापा पियुस बारहवें द्वारा स्थापित
किया गया था। इसी समय पेरिस के विदेशी मिशनरी पुरोहितों का पूर्व बर्मा यानि म्यानमार
में आगमन हुआ था। सन् 1930 के भूकम्प में, द्वितीय विश्व युद्ध की बमबारी में तथा सन्
2008 के नरगिस तूफ़ान में याँगून का महागिरजाघर क्षतिग्रस्त होता रहा है। शताब्दी समारोह
के लिये इसकी मरम्मत की गई थी।
शताब्दी समारोह के उपलक्ष्य में आठ दिसम्बर को
कार्डिनल मार्तिनो, म्यानमार के महाधर्माध्यक्ष बो, थायलैण्ड व कम्बोडिया में परमधर्मपीठ
के राजदूत तथा लाओस एवं म्यानमार में परमधर्मपीठ प्रेरितिक प्रतिनिधि महाधर्माध्यक्ष
जोवान्नी आन्नियेल्लो के साथ ख्रीस्तयाग अर्पित करेंगे। इसी अवसर पर कार्डिनल मार्तिनो
म्यानमार के नाम लिखे सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें के सन्देश का भी पाठ करेंगे।