मुम्बई, 5 दिसंबर,2011 (कैथन्यूज़) धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने, धार्मिक विश्वास
का अपमान करने और सिनेमाटोग्रफ अधिनियम का उल्लंघन करने के आरोप में फिल्म ‘हू इज़ देयर’
के निदेशक एज़ाज अहमद सहित वशीम शेख और जौहर को गिरफ़्तार कर लिया गया है। तीनों अभियुक्तों
को अडिशनल चीफ मेटरोपोलिटन मजिस्ट्रेट वीए पाटिल के समक्ष हाज़िर होना पड़ा जिन्होंने
उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। विदित हो कैथोलिक सेकुलर फोरम (सीएसएफ) एसोसिएशन
ऑफ कनसर्न्ड कैथोलिकस (एओसीसी) और ‘क्रॉस’ जैसी संस्थाओं ने माँग की थी कि अभियुक्तों
के विरुद्ध सख़्त कारवाई की जाये। सीएसएफ के महासचिव जोसेफ डायस ने मीडियाकर्मियों
को बतलाया कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन, फिल्म मेकर्स कम्बाइन और इंडियन मोशन
पिक्चर्स एसोसिएशन ने पहले ही यह बयान दिया था कि विज्ञापन में क्रूसित येसु पर छूरा
घोंपते दिखाना सिनेमटोग्राफ अधिनियम के ख़िलाफ है। धार्मिक भावना को ठेस पहुँचाने
वाले विज्ञापन और पोस्टर में लिखा था,’दिस टाईम इभल विल विन’ अर्थात ‘इस बार बुराई जीतेगी’।"
तस्वीर में येसु के क्रूस को उल्टा और येसु के ऊपर तलवार गिरता हुआ दिखलाया गया है।
ईसाई संगठनों ने इसका जम कर विरोध किया था।