2011-11-25 13:23:33

लोकधर्मियों के लिये बनी परमधर्मपीठीय समिति को संत पापा का संदेश


वाटिकन सिटी, 25 नवम्बर, 2011 (सेदोक) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने लोकधर्मियों से कहा, " हम ईश्वर के बारे में बातें करने से कभी न थकें। हम ईश्वर से आरंभ करें, उसके पूर्ण रूप को, इसकी पूरी गरिमा के साथ स्थापित करें।"
संत पापा ने उक्त बातें उस समय कहीं जब उन्होंने लोकधर्मियों के लिये बनी परमधरमपीठीय समिति की 25वीं आम सभा को संबोधित किया।
उन्होंने कहा, "आज की स्थिति यह है कि लोग ईश्वर के बारे में चर्चा करने से कतराते हैं जिसके कारण वे मानव जाति को समझने और इसकी रक्षा करने असमर्थ दिखाई देते।"
"इस प्रकार की मानसिकता के कारण मनुष्य अनेक संकटों का सामना कर रहा है। यह संकट आर्थिक और सामाजिक संकट से बढ़कर मूल्यों और अर्थों का है।"
उन्होंने कहा, "मानव आज चाहता है कि वह प्रत्यक्षवादी, परिकलित और मापित जीवन जीये पर इससे वह घुटन महसूस करने लगता है।"
"इस संदर्भ में ईश्वर के बारे में सवाल ‘सवालों का सवाल’ है। यह मानव को उसके मूलभूत सवाल - सत्य, आनन्द और स्वतंत्रता की आकांक्षा की ओर वापस ले आता है। जो व्यक्ति ईश्वर के बारे में प्रश्न करता वह आशा की ओर अग्रसर होता है। इसी लिये आज के संदर्भ में ईश्वर के सवाल पर चिन्तन करना उचित है।"
संत पापा ने कहा, "आज मानव को चाहिये कि वह अपने परिवार, कार्यस्थल, राजनीति और अर्थव्यवस्था को ईश्वरीय आँखों से देखे; बिना ईश्वर के सबकुछ बदल जाता है।"
संत पापा ने लोकधर्मियों से कहा. " वे इस दिशा में अपना योगदान दें; वे उत्साहपूर्वक अपने बपतिस्मा संस्कार की कृपाओं के अनुसार जीते हुए येसु मसीह ईश्वर के पुत्र का साक्ष्य दें। माता मरिया की मध्यस्थता से आपको इस कार्य में विशेष मदद मिले।"





















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