2011-11-23 16:10:02

मानव जीवन और मानव मर्यादा की सदैव रक्षा की जानी चाहिए


वाटिकन सिटी 23 नवम्बर 2011 (सीबीसीआई) परमधर्मपीठीय चिकित्सा प्रेरिताई समिति रोम में 24 से 26 नवम्बर तक 26वाँ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कर रही है। इसका शीर्षक है- चिकित्सा प्रेरिताई सेवा, धन्य संत पापा जोन पौल द्वितीय की शिक्षा के आलोक में जीवन की सेवा।
परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष जिगमुंट जिमोवस्की ने 22 नवम्बर को प्रेस सम्मेलन में कहा कि सम्मेलन का लक्ष्य जीवन का सुसमाचार पर धन्य जोन पौल द्वितीय की शिक्षा तथा उस शिक्षा को कलीसिया की मेषपालीय गतिविधियों में लागू कराना सुनिश्चित कर चिकित्सा कर्मियों तथा सदइच्छावाले नर नारियों को जीवन से प्रेम करने तथा इसकी सेवा करने बिशेष रूप से जो कमजोर और पीड़ा सह रहे हैं उन्हें मेषपालीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए आह्वान करना है। उन्होंने यह आशा भी व्यक्त की कि सम्मेलन के दौरान जीवन की पवित्रता तथा मानव की प्रतिष्ठा जिसकी हर हालत में रक्षा की जानी चाहिए का समारोह मनाया जायेगा।

महाधर्माध्यक्ष जिमोवस्की ने सम्मेलन के शीर्षक की व्याख्या करते हुए कहा कि 26 वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलने के लिए यह शीर्षक चुना गया जो धन्य जोन पौल द्वितीय के प्रति चिकित्साकर्मियों की गहन सम्मान से अनुप्राणित है। संत पापा ने जीवन भर बीमारों के प्रति अपनी परवाह को अपने शब्दों और कृत्यों में व्यक्त किया। संत पापा जोन पौल द्वितीय ही थे जिन्होंने रोगियों का विश्व दिवस मनाने सहित चिकित्सा प्रेरिताई संबंधी परमधर्मपीठीय समिति और गुड समारितन फाउंडेशन की स्थापना की।
सम्मेलन के दौरान भाषण और साक्ष्य सहित ईशशास्त्रीय मेषपालीय अनुभवों का आदान प्रदान किया जायेगा जो पीड़ा के ख्रीस्तीय मूल्य तथा जीवन का सुसमाचार पर धन्य जोन पौल द्वितीय की शिक्षा से उत्प्रेरित हैं।
सम्मेलन को चिकित्सा प्रेरिताई के सेवानिवृत्त अध्यक्ष कार्डिनल फियोरेन्सो अंजेलिनी तथा धन्य संत पापा जोन पौल द्वितीय के सचिव रहे कार्डिनल स्तानिस्लाव जिविच सहित अन्य विशेषज्ञ सम्बोधित करेंगे। इस सम्मेलन में सात देशों के लगभग 685 प्रतिभागी शामिल होंगे।








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