2011-11-23 12:23:24

बुधवारीय - आमदर्शन समारोह के अवसर पर
संत पापा का संदेश
23 नवम्बर, 2011


वाटिकन सिटी, 23 नवम्बर, 2011 (सेदोक, वी.आर) बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने वाटिकन स्थिति संत पौल षष्टम् सभागार में देश-विदेश से एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को विभिन्न भाषाओं में सम्बोधित किया।

उन्होंने अंग्रेजी भाषा में कहा - मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, पिछले सप्ताह हमने अफ्रीका के बेनिन की प्रेरितिक यात्रा की और बेनिन देश में सुसमाचार प्रचार के 150वें वर्षगाँठ समारोह में हिस्सा लिया।

इस यात्रा ने मुझे बेनिन देश के प्रभावशाली भूमि पुत्र कार्डिनल बेरनार्दिन गंतिन को सम्मानित करने का सुअवसर प्रदान किया।

यात्रा के दौरान रविवार 20 नवम्बर को कोतोनु के ‘स्तादे दे लमितिये’ अर्थात् ‘फ्रेंडशिप स्टेडियम’ में आयोजित यूखरिस्तीय समारोह के बाद मैंने अफ्रीकी महासभा के बाद हुए प्रेरितिक प्रबोधन ‘अफ्रीकाए मुनुस’(अफ्रीका का कर्त्तव्य) पर हस्ताक्षर किये और इस पूरी अफ्रीकी कलीसिया को सौंप दिया।

इस प्रबोधन या प्रोत्साहन प्रवचन में उन बातों का समावेश है जिन्हें दो वर्ष पूर्व रोम में हुए अफ्रीकी धर्माध्यक्षों की विशेष महासभा में विचार-विमर्श किया गया था। इसमें अफ्रीकी कलीसिया के भविष्य के मिशन के लिये मार्गदर्शन दिये गये हैं।

महासभा के आलोक में अफ्रीका की कलीसिया को आमंत्रित किया जाता है कि वे अपना विश्वास सुदृढ़ करें और मेल-मिलाप, न्याय और शांति की सेवा में अपने आपको समर्पित करें।

मैं येसु मसीह के नाम पर आप लोगों से निवेदन करता हूँ आप ममतामयी ‘आवर लेडी ऑफ अफ्रीका’ की मध्यस्थता से प्रार्थना करें ताकि ईशवचन के प्रति उनकी वचनबद्धता, सुसमाचार प्रचार के प्रति उनका समर्पण तथा एकता, शांति और सहयोग के उनके प्रयास के द्वारा वे पूरे अफ्रीका महादेश के लिये आशा के नायक बन सकें।

इतना कहकर संत पापा ने अपना संदेश समाप्त किया।

उन्होंने मारिस्ट और मरियानिस्ट ब्रदर्स, इंडोनेशिया, नाइजीरिया, दक्षिण कोरिया तथा अमेरिका के तीर्थयात्रियों और उपस्थित लोगों पर प्रभु की कृपा, प्रेम और शांति की कामना करते हुए उन्हें अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।








All the contents on this site are copyrighted ©.