दुमका, झारखंड, 21 नवम्बर, 2011(एशियान्यूज़) नागरिक और ईसाई संगठनों ने सिस्टर वाल्सा
जोन की हत्या को " राष्ट्रीय शर्म " कहते हुए इसकी कड़ी आलोचना की है। उन्होंने शंका
व्यक्त की है कि इस हत्या के पीछे स्थानीय कोयला माफिया और सरकारी तंत्र का हाथ हो सकता
है। विदित हो कि सिस्टर्स ऑफ चैरिटी ऑफ जीज़स एंड मेरी की सामाजिक कार्यकर्ता धर्मबहन
वाल्सा जोन (53) की कुछ अज्ञात लोगों ने 15 नवम्बर की रात को बरहमी से हत्या कर दी। केरल
निवासी सिस्टर वाल्सा ने करीब 20 वर्षों तक झारखंड के दुमका जिले के पाकुड़ क्षेत्र में
आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा और कोल माफियों शोषण से बचाने के लिये काम किया था।
अहमदाबाद स्थित न्याय और शांति केन्द्र ‘प्रशांत’ के निदेशक जेस्विट फादर सेड्रिक
प्रकाश ने कहा कि " कोयला खदान की माफिया लगातार शक्तिशाली होती जा रही है और स्थानीय
पुलिस और राजनीतिज्ञों से उनका संबंध लज्जाजनक है। किसी को उनके विरुद्ध आवाज़ उठाने
की हिम्मत नहीं है। सिस्टर वाल्सा जोन की शहादत एक आवाज़ है जिसे सुन कर देश जागे और
पूरी काथलिक कलीसिया सचेत हो। उन्होंने कहा कि यह निश्चित है कि काथलिक कलीसिया गरीबों,
दबे और कुचले हुओं तथा हाशिये पर किये लोगों के लिये कार्य करे। आज इन गरीब तबके
के लोगों को कलीसिया की ज़रूरत है ताकि उन्हें न्याय मिल सके और एक मानवीय समाज का निर्माण
हो। ग्लोबल कौंसिल ऑफ इंडियन क्रिश्चियन के अध्यक्ष साजन जोर्ज ने कहा इस हत्या के
पीछे स्थानीय अधिकारियों के सहयोग से हिन्दु चरमपंथियों का हाथ हो सकता है। उन्होंने
माँग की है कि इस हत्या की सीबीआई जाँच हो। उधर ‘नैशनल अलायन्स ऑफ पीपल्स मूवमेंट’,
‘नैशनल फिशवर्कर्स फोरम’ और ‘नैशनल फोरम ऑफ फोरेस्ट पीपल’ और ‘फॉरेस्ट वर्कर्स’ के प्रतिनिधियों
ने में संयुक्त रूप से माँग की है कि इस बात की जाँच हो कि क्यों स्थानीय कोयला माफिया
के द्वारा उन्हें जान से मार दिये जाने की धमकियाँ दी जा रहीं थी। उधर कैथन्यज़ के
अनुसार पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार कर हिरासत में ले लिया है।