भोपाल,21 नवम्बर, 2011 (एशियान्यूज़) मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान
ने अपनी उस इच्छा को दुहराया है कि राज्य के सभी स्कूलों में हिन्दुओं के धर्मग्रंथ भगवद्
गीता का स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जायेगा। भोपाल के महाधर्माध्यक्ष लेओ कोरनेलियो
ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्य मंत्री अपनी पार्टी बीजेपी को आनेवाले चुनाव
के पूर्व खुश करना चाहते हैं। विदितहो कि चौहान ने सन् 2010 में पहले एक बार गीता क
पाठ्यक्रम के रूप में प्रस्तुत करने की बात कह चुके हैं। महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि
शिक्षा का हिन्दुकरण चिंताजनक है क्योंकि यह अव्यवस्थित और भ्रमित करती है। यह युवाओं
के नाजुक मन में फूट के बीच बोयेगा जिसके भयंकर परिणाम हो सकते हैं। धर्माध्यक्ष
ने कहा कि भगवद् गीता से कई मूल्यों को सीखा जा सकता है पर उन्हें आश्चर्य है कि भगवद्
गीता के उस अवतरण को क्यों चुना गया जो सबों के लिये स्वीकार्य नहीं है। इतना नहीं यह
भारत जैसे धर्मनिर्पेक्ष राष्ट्र और धर्मनिर्पेक्षता के सिद्धांतों के खिलाफ है। राज्य
की मुख्य विपक्ष पार्टी काँग्रेस ने भी बीजेपी सरकार के इस कदम को ‘शिक्षा हिन्दुकरण’
कहा है। विदित हो कि सन् 2008 से ही मध्यप्रदेश की सरकार संघ परिवार के अपने अन्य
हिन्दु अति वादी पार्टियों विश्व हिन्दु परिषद् (आरएसएस) बजरंग दल के साँठ-गाँठ से ईसाई
विरोधी हिंसा और उत्पीड़न के लिये ज़िम्मेदार रहे हैं।