ओविधा बेनिन 19 नवम्बर 2011 (सेदोक) स्वर्गीय बेरनादिन गांतिन का जन्म 1922 को हुआ था।
वे 1936 में ओविधा स्थित सेमिनरी में प्रवेश किये तथा तोगो के लोमें में कोतोनू के महाधर्माध्यक्ष
लुईस पारिसोट के द्वारा 1951 में पुरोहित अभिषिक्त किये गये थे। उन्होंने तीन वर्षों
तक धमप्रांतीय सेमिनरी में भाषा का अध्यापन किया तथा निकटवर्ती गाँवों में प्रेरिताई
काम करते थे। वे सन 1953 में वे रोम आये तथा ईशशास्त्र में लाइसेंसियेट किया। सन 1956
में वे कोतोनू के सहायक धर्माध्यक्ष बनाये गये तथा 1960 में संत पापा जोन तेईसवें ने
उन्हें कोतोनू का महाधर्माध्यक्ष नियुक्त किया। कोतोनू का महाधर्माध्यक्ष बनाये जाने
के बाद उन्होंने व्यापक स्तर पर प्रेरिताई कार्यों को सम्पन्न किया।
संत पापा
पौल छटवें ने उन्हें 1971 में रोम बुलाकर सुसमाचार प्रसार संबंधी परमधर्मपीठीय समिति
का सचिव नियुक्त किया। वे 1975 में न्याय और शांति संबंधी परमधर्मपीठीय समिति के उपाध्यक्ष,
तथा 1977 में इसके अध्यक्ष बनाये गये। वे 27 जून 1977 को कार्डिनल बनाये गये तथा संत
पापा जोन पौल प्रथम ने उन्हें 1978 में कोर उन्नुम का अध्यक्ष नियुक्त किया। संत पापा
जोन पौल द्वितीय ने उन्हें 1984 में धर्माध्यक्षों के धर्मसंघ का अध्यक्ष तथा लातिनी
अमरीका संबंधी परमधर्मपीठीय समिति का अध्यक्ष बनाया. वे सन 1998 तक इस पद पर कार्यरत
रहे। वे सन 1993 से 30 नवम्बर 2002 तक कार्डिनल मंडल के अध्यक्ष रहे। कार्डिनल गांतिन
का पेरिस में 13 मई 2008 को निधन हो गया।
स्वर्गीय कार्डिनल गांतिन बेनिन में
अति लोकप्रिय हैं। उनकी स्मृति में कोतोनू अंतरराष्ट्रीय हवाई अडडे का नामकरण किया गया।
स्वर्गीय कार्डिनल गांतिन संत पापा के मित्र रहे थे इसलिए संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें
की बेनिन यात्रा का एक प्रमुख उद्देश्य उनकी समाधि के दर्शन कर प्रार्थना करना ईश्वर
को धन्यवाद देना है।