2011-11-19 15:27:04

धर्माध्यक्षों, पुरोहितों, धर्मसमाजियो, धर्मबहनों, धर्मबंधुओं और लोकधर्मियों को संत पापा का संदेश
क्विदाह, 19 नवम्बर, 2011
 


धर्माध्यक्षो पुरोहितो, धर्मसमाजियो, धर्मबहनों धर्मबंधुओ और मेरे प्रिय विश्वासियो। मुझे प्रसन्नता है कि मैं क्वीदाह के इस सेमिनरी में आप लोगों से मिलने का अवसर प्राप्त हुआ है। मैं आप सबके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करता हूँ क्यों आप सबों ने अपने को प्रभु की सेवा के लिये सौंप दिया है।

विभिन्न कठिनाइयों के बावजूद आप सबों का उत्साह और ईश्वरीय प्रेम का साक्ष्य सराहनीय है। मैं आज मोन्सिन्योर लुईस पारिसोत, गरीबों के प्रेरित और स्थानीय बुलाहट के प्रबल समर्थक फादर थोमस मौलेरो क्षेत्र के प्रथम पुरोहित और आपकी धरती के उत्कृष्ट सेवक कार्डिनल बेरनारदिन गंतिन की याद करता हूँ जिन्होंने आप सबों के लिये एक सेवा का उत्तम उदाहरण प्रस्तुत किया है।

थोड़ी ही देर के बाद में पोस्ट सिनोदल अपोस्तोलिक एक्सहोरटेशन ‘अफ्रीकए मुनुस पर हस्ताक्षर करुँगा जिसमें तीन बातों की चर्चा की गयी है शांति न्याय और मेल-मिलाप। ये तीनों मूल्य बपतिस्मा प्राप्त लोगों के लिये आधारभूत है और इसके लिये कार्य करना पुरोहितों की विशिष्ट पहचान है।

पुरोहितो आपमें शांति न्याय और मेल-मिलाप के लिये कार्य करने की पूरी ज़िम्मेदारी है। मैं आप लोगों के इस बात के लिये प्रोत्साहन देते हूँ कि आप ऐसा जीवन जीयें कि आपके जीवन से येसु मसीह प्रकाशित हों।

आप अपने धर्माध्यक्ष के साथ एक होकर और अपने सह पुरोहितों के साथ मिलकर लोगों के लिये कार्य करें। आप अपनी बुलाहट को जो ईश्वर की ओर से दी गयी है कभी छोटा समझें। ईश्वर ने आपको शांति न्याय और मेल-मिलाप के लिये कार्य करने के लिये चुना है।

धर्मसमाजी भाइयों एवं बहनों से मैं कहना चाहता हूँ कि धर्मसमाजी समर्पित जीवन का अर्थ है येसु का निकटता से अनुसरण। आपका येसु का चुनाव आपको अपने पड़ोसी को प्यार करने के लिये प्रेरित करे आपकी गरीबी और शुद्धता आपको इस बात के लिये स्वतंत्र करे कि आप जहाँ भी जायें ईश्वरीय प्रेम का प्रचार - प्रसार कर सकें।
 
धर्मबंधुओं को मैं इस बात के लिये प्रोत्साहन देता हूँ कि आप अपने के येसु के चरणों में सौंप दे ताकि आप उन गुणों को पा सके जो आपको अपने पुरोहितीय जीवन में आपके पवित्रीकरण में सहायक सिद्ध होगा। बिना पवित्रता के किया गया कार्य एक सामाजिक प्रक्रिया मात्र है। अपना संबंध ईश्वर से मजबूत कीजिये इसी में आपके भविष्य के कार्यों की सफलता निर्भर करती है।

लोकधर्मियों से मैं यही कहना चाहूँगा कि आप धरती के नमक और दुनिया क दीपक है। अपने जीवन का नवीनीकरण कीजिये और शांति न्याय और मेल-मिलाप के लिये कार्य कीजिये।

अन्त में आपलोगों को इस बात के लिये प्रोत्साहन देना चाहताहूँ कि आपका विश्वास मजबूत और जीवन्त हो जिसकी नींव हो ख्रीस्तीय जीवन और जो सेवा के द्वारा नयी दुनिया के निर्माण के लिये समर्पित हो।

पूरे विश्वास के साथ अपने आध्यात्मिक और पैतृक समीपता को प्रकट करते हुए मैं आप सबों और आपके परिवारों को कुँवारी मरिया के हाथों में सौपते हुए ईश्वरीय आशिष की कामना करता हूँ।











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