2011-11-18 20:28:48

कोतोनाउ के महागिरजाघर में संत पापा बेनेदिक्त का संदेश


महाधर्माध्यक्ष, धर्माध्यक्षो, महागिरजाघर के रेक्टर और उपस्थित मेरे अति प्रिय भाइयों एवं बहनों।
एक प्राचीन गीत ‘ते दियुम’ जिसे हमने अभी-अभी गाया और उस महान् ईश्वर की स्तुति की है जिन्होंने हमें ‘आवर लेडी ऑफ मर्सी’ महागिरजाघर में एकत्र किया है।

यहाँ हम आज पूर्व महाधर्माध्यक्ष क्रिस्तोफ अदिमाव और महाधर्माध्यक्ष इसीदोरे दे साउसा को श्रद्धांजलि देने के लिये जमा हुए हैं। इन दोनों ने येसु की दाखबारी को सजाने के लिये वीरतापूर्ण कार्य कर तमाम बेनिनवासियों के दिल में एक विशेष जगह बना ली है।

दोनों के दिलों में सेवा और प्रेरितिक उत्साह कूट-कूट कर भरी हुई थी। इन दोनों ने सुसमाचार का प्रचार और कलीसिया के लोगों की सेवा निःस्वार्थ भाव से की है। आपको ज्ञात ही है कि महाधर्माध्यक्ष दे साउसा सत्य के पुजारी थे और बेनिन राष्ट्र के प्रजातंत्र अपनाने की प्रक्रिया में अहम भूमिका अदा की।

आज मैं आपलोगों को आमंत्रित करता हूँ कि आप असीम ईश्वरीय दया पर चिन्तन करें। मुक्ति, जो येसु के शरीरधारण द्वारा हमारे बीच आयी और पास्का के रहस्यों में अपनी पूर्णता प्राप्त की, ईश्वरीय असीम दया की स्पष्ट प्रकाशना है।

येसु में ईश्वर की असीम दयालुता प्रकट हुई और यही येसु मसीह अपने पिता के प्रति पूरी वफादारी दिखाते, खोये हुए पुत्र को खोजते हुए, मानव के प्रत्येक संकट में, विशेष करके नैतिक संकट में तथा पाप से ग्रस्त मानव की सहायता करने को तत्पर रहते है।

ईश्वर की दिव्य दया सिर्फ़ इस बात निर्भर नहीं करती है कि वे पापों की क्षमा करते हैं। यह इस बात से सिद्ध होती है कि पिता ईश्वर हमें बिना किसी प्रकार का दुःख या पीड़ा दिये सत्य और प्रकाश के पथ की ओर चलने की प्रेरणा देता है क्योंकि वह चाहता है कि हमारा विनाश न हो।

इस प्रकार से बपतिस्मा में व्यक्त ईश्वरीय प्रेम हमें यह दिखाता है कि ईश्वर अपने विधान के प्रति निष्ठावान हैं। आज हम अपने इतिहास को पलट कर देखें और देश में सुसमाचार के प्रचार के लिये धन्यवाद देते हुए एक साथ कह सकते हैं " मैं तेरे असीम प्रेम का गीत सदा गाता रहूँगा।(स्तोत्र, 88:1)

माता मरिया ने भी ईश्वरीय प्रेम की पराकाष्ठा का अनुभव किया था और गाया था, "जो ईश्वर का आदर करते हैं उन पर ईश्वर की दया युगानुयुग तक बनी रहती है।" माता मरिया ने ईश्वर की योजना को ‘हाँ’ कहा और ईश्वर के महान् प्रेम को दुनिया में प्रकट कराने का योगदान दिया।

माता मरिया को यह सौभाग्य प्राप्त है कि वे सदा हमारी सहायता के लिये तैयार रहतीं और हमारे लिये मध्यस्थ का कार्य करती रहतीं हैं।

इस तरह से हम कह सकते हैं कि वे येसु के मिशन में शामिल होकर हमारे लिये दया की माता बन गयीं हैं। उसकी मध्यस्थता से हम अनन्त मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं। उनकी ममतामयी करुणा से वे सभी जो विभिन्न संकटों से घिरे हैं सुरक्षित अपने निवास स्थान तक पहुँच सकते हैं। उसकी संरक्षा में सभी नवजीवन पाते, बुराइयों से बच सकते और दुश्मनों से मेल-मिलाप कर सकते हैं।

माता मरिया हमारे लिये मानव की परिपूर्णता का नमूना तो है ही उसकी मध्यस्थता द्वारा हम एक-दूसरे के साथ एकता के सूत्र में बँध सकते हैं। माता मरिया ने अपने पुत्र येसु के शिष्यों को निश्चिय ही न्याय, मेल-मिलाप और शांति का पथ दिखलाया। वे हमें भी एक माता के रूप में जिस ज्योति और सत्य को दिखलाना चाहती हैं – वे हैं स्वयं प्रभु येसु ख्रीस्त हैं - जो पूरी मानवता को अपने स्वर्गीय पिता के समान पूर्ण कर देंगे।

आइये आज हम पूरे साहस और उत्साह के साथ माता मरिया की मध्यस्थता से प्रार्थना करें ताकि माता मरिया जो दया की माँ है, , आशा और शांति की रानी हैं, अफ्रीका की रानी है पूरी मानव जाति को शांति और मुक्ति प्राप्त करने में सहायक बनें।
.








All the contents on this site are copyrighted ©.