दुमका झारखंड 17 नवम्बर 2011 (फीदेस, एशिया न्यूज) फीदेस समाचार सेवा के अनुसार धर्मबहन
वाल्सा जोन की अंत्येष्टि धर्मविधि दुमका कैथीड्रल में सम्पन्न हुई जिसमें लगभग 700 लोग
शामिल हुए। इसमें झारखंड और केरल के लोगों सहित, पुरोहितों, धर्मसमाजियों, लोकधर्मियों
और संथाल समुदाय के लोग थे। अंत्येष्टि धर्मविधि के संचालक येसुसमाजी पुरोहित फादर वर्की
चेन्ना ने धर्मबहन के मिशन और शिष्यत्व का स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने एक सच्चे शिष्य
के समान अपना जीवन ख्रीस्त के लिए दे दिया। वे हम सब के लिए उदाहरण हैं। उनका साक्ष्य
हमारे लिए निमंत्रण है कि येसु ख्रीस्त के सच्चे अनुयायी के रूप में अनुसरण करें।
दुमका
में येसुसमाजियों के प्रांतीय अधिकारी फादर निर्मल राज ने कहा कि जो लोग धर्मबहन वाल्सा
को जानते हैं और उनके समर्पण में सहभागी थे कहा- सिस्टर वाल्सा ने गरीबों के बीच जीवन
जीया, ख्रीस्तीय साक्ष्य दिया तथा लोगों की कठिनाई और समस्याओं में सहभागी होते हुए सुसमाचार
का प्रचार किया। वह पाकुड़ जिले में समाज के हाशिये पर रहनेवाले संथाल जनजातीय समुदाय
के लोगों के निकट थीं। वह कोयला खनन के कारण जमीन से विस्थापित होनेवाले जनजातीय लोगों
के अधिकारों की रक्षा के लिए समर्पित थीं और इसके लिए उन्होंने अपनी जान देकर कीमत अदा
की। फादर निर्मल राज ने कहा हम धर्मबहन की हत्या की जाँच अनुसंधान पर विश्वास करते हैं
तथा उनके मिशन को जारी रखने के लिए तैयार हैं।
दुमका के धर्माध्यक्ष जुलियुस
मरांडी ने एशिया न्यूज से काह कि उनकी नृशंस हत्या दर्दनाक धक्का तथा कलीसिया के लिए
महान क्षति है। हम न्याय की माँग करते हैं तथा उनकी क्षति पर शोक मनाते हैं। सिस्टर वाल्सा
के रक्त से नवीकृत होकर और मजबूती पाकर गरीबों, कमजोरों और आवाजहीनों के लिए हमारा मिशन
जारी रहेगा जो अब मानवाधिकारों, न्याय, मानव मर्यादा तथा आशा के लिए मध्यस्थता करेंगी।