फैसलाबाद, 12 नवम्बर, 2011 (कैथन्यूज़) पाकिस्तान के काथलिक स्कूलों ने यूएस आयोग की
उस रिपोर्ट का स्वागत किया है जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान के स्कूलों में धार्मिक
असहिष्णुता है। उक्त बात की जानकारी देते हुए फैसलाबाद धर्मप्रांत के पाकिस्तान माइन्योरिटो
टीचर्स एसोसिएशन (पीएमटीए) के अध्यक्ष अंजुम जेम्स पौल ने कहा कि "हम अंतरधार्मिक स्वतंत्रता
के लिये लिये बनी यूएस आयोग की रिपोर्ट के साथ पूर्णतः सहमत है। यूएस आयोग के अध्ययन
के अनुसार पाकिस्तानी स्कूलों में प्रयोग किये जाने वाले पाठ्यक्रम से हिन्दु और अन्य
अल्पसंख्यकों के प्रति भेदभाव और असहिष्णुता बढ़ाते हैं और अधिकतर शिक्षक अमुस्लिमों
को ‘इस्लाम का दुश्मन’ मानते हैं। विदित हो कि शोधकर्त्ताओं ने 37 सरकारी स्कूलों
और 19 मदरसों (इस्लाम गुरुकुलों) का दौरा किया और विद्यार्थियों से बातचीत की थी। विदित
हो कि पीएमटीए पिछले सात सालों से ग़ैरमुस्लिमों के अधिकारों पाने के लिये अपना अभियान
चलाया था और संतुलित पाठ्यक्रम बनाने के लिये कई सुझाव दिये थे जिसका कोई परिणाम नहीं
निकला था। पौल जेम्स ने इस बात को इंगित किया था कि पहली से लेकर 10 वीँ कक्षा कक्षा
के पाठ्यक्रमों में इस्लामिक जीवन शैली पर अत्यधिक बल दिया गया है। उनका मानना है
कि " पाकिस्तान की पाठ्यपुस्तकों में अन्य धर्मों के प्रति दुष्प्रचार और अनादर है और
गैर इस्लाम धर्मों के खिलाफ प्रचार-प्रसार है।" हालांकि, ग़ैरमुस्लिम विद्यार्थी प्री-हाईस्कूल
की परीक्षा के लिये अनिवार्य इस्लामिक विषयों के बदले नीतिशास्त्र की पढ़ाई करते हैं
पर कैथोलिक संस्थायें इस्लाम धर्म के बारे में पढ़ाने का निर्णय लिया है। ज्ञात हो
कि पाकिस्तान की काथलिक कलीसिया, युनाइटेड प्रेसबिटेरियन चर्चेस और साल्भेशन आर्मी ने
संयुक्त रूप से ख्रीस्तीयों के लिये धर्मशिक्षा का एक पाठ्यक्रम सरकार को भेजा था। शांति
और न्याय के लिये बनी राष्ट्रीय काथलिक धर्माध्यक्षीय आयोग ने सरकार की शिक्षा नीति की
निगरानी कर रही है। एनसीजेपी के संयोजक युसुफ बेन्जामिन ने कहा कि ग़ैरमुसलमानों को
अपने विश्वास के बारे में जानने का उचित अवसर दिया जाना चाहिये।