सन 2002 में हुए गुजरात दंगे के 31 आरोपियों को आजीवन कैद की सजा
गुजरात 10 नवम्बर (काथलिक न्यूज) भारत के गुजरात राज्य में सन 2002 के दंगे में मारे
गये 33 मुसलमानों के मामले में एक अदालत द्वारा 31 दोषियों को आजीवन कैद तथा 50 50 हजार
रूपये के जुर्माना की सज़ा सुनाई गयी है। इसी मामले में 42 संदिग्ध लोगों को अदालत ने
बरी कर दिया। इस फैसले का मानवाधिकार कार्यकर्ता येसुधर्मसमाजी पुरोहित फादर सेड्रिक
प्रकाश ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि सत्य और न्याय के पहिये धीरे से ही लेकिन
सही दिशा में बढ रहे हैं। उन्होंने कहा कि साम्प्रदायिक हिंसा की घटनाओं में इतनी बड़ी
संख्या में लोगों का शामिल होना अप्रत्याशित था। लगभग 1500 लोगों की भीड़ ने सरदारपुरा
गाँव में इब्राहीम शेख के घर में आग लगा दी थी जहाँ लोगों ने दंगे से बचने के लिए शरण
ले रखी थी। ज्ञात हो कि एक ट्रेन में 60 हिन्दु तीर्थयात्रियों को जला दिये जाने के बाद
शुरू हुए तीन दिनों के हिन्दु- मुसलमान दंगों में लगभग 1000 मुसलमानों की हत्या हो गयी
थी। फादर प्रकाश ने कहा कि अब अन्य मामलों को भी गति प्रदान करने की जरूरत है ताकि दोषियों
को यथाशीघ्र सज़ा सुनाई जा सके। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष वजाहत हबीबुल्लाह
ने कहा कि न्यायालय के फैसले से सरदारपुरा गाँव की घटना के शिकार हुए लोगों को कुछ न्याय
का अहसास होगा। भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के प्रवक्ता फादर बाबू जोसेफ
ने कहा कि यद्यपि न्यायालय का फैसला 9 साल बाद आया है लेकिन यह निर्णय उन लोगों को रोकने
के लिए प्रभावशाली रोक के रूप में काम करेगा जो विभिन्न समुदायों के मध्य नफरत फैलाने
का काम करते हैं। मानवाधिकार कार्यकर्ता हर्ष धोबल ने कहा कि इस निर्णय से अन्य लंबित
मामलों को भी आशा की किरण मिलती है।