2011-11-08 15:54:37

संत पापा द्वारा जर्मनी में सब मानव जीवन की रक्षा करने का आग्रह


वाटिकन सिटी 7 नवम्बर (सीएनएस, वीआईएस) संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने वाटिकन के लिए नवनियुक्त जर्मनी के राजदूत रेइनहारड स्वेपे का प्रत्यय पत्र 7 नवम्बर को स्वीकार किया। इस अवसर पर उन्होंने हाल ही में सम्पन्न अपनी मातृभूमि जर्मनी के दौरे का स्मरण किया जिसने उन्हें बहुविध समाज में काथलिक कलीसिया तथा परमधर्मपीठ द्वारा अर्पित सेवा पर चिंतन करने का अवसर उपलब्ध कराया।
संत पापा ने कहा कि बहुत लोग आज ईसाईयत के प्रभाव तथा अन्य धर्मों के प्रभावों को समाज पर एक प्रकार की विशिष्ट संस्कृति और जीवनशैली को थोपे जाने के रूप में देखते हैं । यह नजरिया गलत नहीं है लेकिन यह काथलिक कलीसिया के बारे में पूरी समझ भी नहीं है जिसने विभिन्न देशों में न केवल विभिन्न प्रकार के अनेक सांस्कृतिक समुदायों की रचना की लेकिन उन देशों की परम्पराओं से स्वयं भी बनायी गयी। संत पापा ने कहा कि अपने विश्वास के कारण कलीसिया सजग है, वह मानव के सत्य के बारे में जानती है तथा उन मूल्यों की रक्षा करना उसका कर्तव्य है जो मानवजाति के लिए अनमोल हैं।
संत पापा ने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध काल में नात्सी उत्पीड़नों के बाद सन 1949 की जर्मन संविधान में बुनियादी मानवाधिकारों को कानून के रूप में स्वीकार किया गया तथा मानवाधिकारों के चार्टर में शामिल किया गया तथापि आज मानव जीवन के कुछ मौलिक मूल्यों पर सवाल उठाये जा रहे हैं जो मानव प्रतिष्ठा की रक्षा करते हैं। यहां कलीसिया अपने दायित्व को देखती है कि खतरों का सामना कर रहे सत्य और मूल्यों की रक्षा करे।
संत पापा ने कहा कि जो समाज बिना शर्ते गर्भधारण के क्षण से लेकर प्राकृतिक मृत्यु तक हर मानव की प्रतिष्ठा की रक्षा और सम्मान करता है वह स्वयं को मानव समाज कह सकता है। इस उद्यम में कलीसिया अपने विश्वास को अप्रत्यक्ष रूप से थोपने का काम नहीं करती लेकिन उन मूल्यों की रक्षा करती है जो हर व्यक्ति के लिए प्रत्यक्ष है क्योंकि ये मानव के सत्य से जुड़े हैं।
वाटिकन और जर्मनी के मध्य मधुर संबंध के लिए जर्मनी की सरकार को धन्यवाद देते हुए संत पापा ने यह कामना की कि कलीसिया सुसमाचार प्रचार और अपनी सामाजिक और लोकोपकारी संस्थानों द्वारा लोगों की सहायता करती रहेगी जिससे अंततः सब नागरिकों को लाभ मिलता है।








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