संत पापा के नाना- नानी के गाँववाले संत पापा के सम्मानित करेंगे
रोम, 7 नवम्बर, 2011(जेनित) संत पापा के नानी और परनानी के जन्मस्थान के नागरिकों ने
संत पापा को सम्मानित करने का निर्णय किया है।
विदित हो कि संत पापा की नानी और
परनानी का जन्म नाज़ स्कियावेस में हुआ था जो इटली के आल्तो अदिगे प्राँत में अवस्थित
है।
कार्यक्रम के अनुसार अगले सप्ताह बुधवारीय आमदर्शन समारोह में नाज़-स्कियावेस
का एक प्रतिनिधिमंडल एक तीर्थयात्री के रूप में रोम पहुँचेगा और संत पापा को मानद
नागरिक का आधिकारिक सम्मानपत्र देगा।
विदित हो कि नाज़-स्कियावेस वह शहर है जहाँ
2,500 लोग रहते हैं जिन्होंने 22 अक्तूबर को ‘मानद नागरिक आधिकारिक प्रमाणपत्र’ समारोह
मनाया जिसकी अध्यक्षता बोलजानो और ब्रेसानोने के धर्माध्यक्ष इवो मूसेर ने की।
उन्होंने
इस समारोह में रासा गाँव के मास तोवेल दीवार में एक विशेष तख्ती लगायी। इसी गाँव में
संत पापा की नानी और परनाना का जन्म हुआ था।
ज्ञात हो कि सन् 2010 में जब लूजोन
क्षेत्र से ‘क्रिसमस ट्री’ संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में लाया गया था तब संत
पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने इस बात की चर्चा की थी कि उनकी नानी और परनानी का जन्म रासा
गाँव में हुआ था।
संत पापा सन् 2008 से ही ब्रेसेनोने के मानक नागरिक रहे हैं
जो रासा गाँ से पाँच किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है। सन् 2008 ही में संत पापा ने अपनी
गर्मी छुट्टी इसी कस्बे में बिताया था।
संत पापा के छोटे भाई मोन्सिन्योहर जोर्ज
रतसिंगर बतलाते हैं कि उनकी नानी अपनी मृत्यु तक अपने गाँव की याद किया करती थी।
अपनी
किताब " मेरा भाई, संत पापा" में उन्होंने इस बात की चर्चा की है उसमें उनकी नानी कहती
थी "अगर मेरे गाँव का पानी मुझे अभी मिल जाये तो मैं चंगी हो जाउँगी।"
उन्हें
पूरा विश्वास था की तिरोल का जल बावेरिये जल से भिन्न है। उनका यह भी मानना था कि तिरोलियन
पुवाल बावेरिये पुवाल से अधिक पौष्टिक था।