वाटिकन सिटी, 29 अक्तूबर, 2011 (सीएनए) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने कहा," असीसी प्रार्थना
महासभा इस बात का परिचायक है कि विश्व के लोग शांति और परहितमय जीवन के प्रति गंभीर है।"
ईसाइयों के महाधर्मगुरु ने उक्त बातें उस समय कहीं जब उन्होंने की 28 अक्तूबर
शुक्रवार प्रातः को वाटिकन सिटी में असीसी सम्मेलन में भाग लेनेवाले प्रतिनिधियों से
मुलाक़ात की।
उन्होंने कहा, " असीसी प्रार्थना महासभा में विश्व के अरबों लोगों
के प्रतिनिधियों ने भाग लिया जो शांति और न्याय के प्रसार में सक्रिय है।"
संत
पापा ने कहा, " असीसी प्रार्थना सभा से वार्ता के लिये समर्पित लोगों के सहयोग ‘मित्रता
और भ्रातृत्व’ मजबूत हुई है। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि ऐसी मैत्री ‘अनवरत बढ़ती जाये’।"
उन्होंने धन्य जोन पौल द्वितीय की दूरदर्शिता की तारीफ़ की और कहा, " शांति और
न्याय के लिये सन् 1986 में असीसी में आयोजित पहली अन्तरधार्मिक महासभा इस बात को दर्शाता
है कि "प्रत्येक दिन पूरे विश्व में विभिन्न धार्मिक परंपराओं के लोग सौहार्दपूर्ण तरीके
से जीते और से मिलकर कार्य करते हैं।"
संत पापा ने कहा, " निश्चय ही मानव परिवार
के लिये यह हितकारी है। जब हम एक-दूसरे से विदा लेते हैं तो आइये हम असीसी के अनुभव से
शक्ति ग्रहण करें और जहाँ भी अवसर आये हम एक साथ सत्य के तीर्थयात्री बनें जिनकी मंजिल
है - शांति। प्रत्येक जन को दिल की गहराई से धन्यवाद।"