2011-10-29 11:54:07

18 शिशुओं की मृत्यु, धर्माध्यक्ष चिन्तित


पश्चिमी बंगाल, 29 अक्तूबर, 2011 (कैथन्यूज़) पश्चिमी बंगाल के कोलकाता एक सरकारी अस्पताल में 24 घंटों में, 25-26 अक्तूबर को6 माह से कम उम्र के 18 शिशुओं की मौत की ख़बर से असनसोल के धर्माध्यक्ष सिप्रीयन मोनिस दुःखी है।

उन्होंने माँग की है कि शिशुओं की मौत के लिये ज़िम्मेदार व्यक्तियों पर उचित कारवाई की जाये।

धर्माध्यक्ष ने सरकार से अपील की है कि वह बच्चों की मृत्यु की ज़िम्मेदारी अपने ऊपर ले और उचित कदम उठाये ताकि इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

बच्चों की मौत ‘डॉक्टर बिधान चन्द्रा रोय पोस्ट ग्राजूएट इन्स्टीट्यूट ऑफ पेडयाट्रिक साईन्स अस्पताल’में हुई जो राज्य की राजधानी कोलकाता में अवस्थित है और अस्पतालों में अग्रणी है।

अस्पताल के शिशु स्वास्थ्य विभाग के सुपरिन्टेडेंट दिलीप पाल ने कहा कि प्रत्येक दिन 300 से ज़्यादा शिशु उनके अस्पताल में लाये जाते हैं जिनका उचित चिकित्सा संभव नहीं है।

पाल ने स्वीकार किया कि अस्पताल में उतने अधिक शिशुओं की चिकित्सा के लिये पर्याप्त सुविधायें उपलब्ध नहीं हैं विशेषकरके आपातकालीन चिकित्सा सुविधायें।

एक मुस्लिम महिला रिजिया बीबी ने शिशुओं की मृत्यु के लिये अस्पताल प्रबंधन पर दोष लगाते हुए कहा कि अधिकतर बार नवसिखिया नर्सों को बच्चों की देखभाल के लिये ड्यूटी पर लगाया जाता है जो अनुभवहीनता के कारण शिशुओं की उचित देख-रेख नहीं कर सकतीं है।

धर्माध्यक्ष मोनिस ने कहा ऐसे मामलों में चर्च शिशुओं की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं करा सकते क्योंकि उनके पास भी बच्चों के स्वास्थ्य के लिये उचित व्यवस्था नहीं है।

कई बार चर्च संगठन ‘सेल्फ हेल्प ग्रुप’ के माध्यम से शिशुओं की चिकित्सा की जाती है पर यह पर्याप्त नहीं है।

डिवाइन सेभियर धर्मसमाज की सिस्टर मिखाएल ने कहा, " चर्च को चाहिये वह राज्य की गंभीर समस्याओं जैसे शिशु स्वास्थ्य चेतना जागरण पर अपना ध्यान केन्द्रित करे, न कि सिर्फ विकास योजनाओं पर।













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