असीसी, इटली, 28 अक्तूबर, 2011 (एशियान्यूज़) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें द्वारा शांति
और न्याय के लिये असीसी में आयोजित एकदिवसीय चिन्तन वार्ता और प्रार्थना सभा शांति अभिवादन
के आदान-प्रदान से हुआ।
प्रार्थना सभा के अन्त में प्रार्थना सभा में भाग लेने
वाले प्रत्येक प्रतिनिधि ने शांति के लिये कार्य करने के अपने निर्णय और सकल्प को दुहराया।
संत पापा ने सभा की समाप्ति पर कहा, " हिंसा अब और फिर कभी नहीं, युद्ध अब और
फिर कभी नहीं, आतंकवाद अब और फिर कभी नहीं। ईश्वर के नाम पर प्रत्येक धर्म न्याय और शांति,
जीवन और क्षमा तथा प्रेम का प्रसार करे।
प्रार्थना सभा का समापन असीसी में अवस्थित
संत फ्रांसिस बसिलिका के प्रांगण में हुआ। यह वही स्थान था जहाँ 25 वर्ष पूर्व सामुहिक
प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया था।
समारोह में प्रत्येक प्रतिनिधि को कुछ पल
तक मौन रहने के बाद दीप जलाने का अवसर दिया गया और इसी समय उन्होंने शांति के लिये प्रार्थना
की और अपनी आशा की मौन अभिव्यक्ति की।
ईश्वर और लोगों के समक्ष शांति के प्रचार-प्रसार
की ज़िम्मेदारी के प्रतीक स्वरूप प्रत्येक प्रतिनिधि को एक-एक दीपक दिया गया।
इसके
बारे में बोलते हुए ख्रीस्तीय एकता के लिये बनी परमधर्मपीठीय परिषद के अध्यक्ष कार्डिनल
कोच ने कहा, " आइये हम शांति के प्रचार क साधन बनें। हम इस बात को याद करें कि बिना न्याय
के शांति नहीं और बिना क्षमा के न्याय नहीं। आइये हम अपने पड़ोसियों को शांति दें,सारे
जीव-जन्तुओं को और पूरी सृष्टि को अपनी शांति प्रदान करें।"
जब प्रतिनिधि आपस
में शांति अभिवादन का आदान-प्रदान कर रहे थे उसी समय फ्रांसिसकन पुरोहितों ने श्वेत रंग
के कई कबुतरों को आकाश में उड़ाया।
एकदिवसीय प्रार्थना सम्मेलन के बारे में बोलते
हुए अन्तरधार्मिक वार्ता के लिये बने परमधर्मीपीठीय परिषद के अध्यक्ष कार्डिनल जान तौरान
ने कहा, " प्रार्थना करते और विभिन्न साक्ष्यों को सुनते हुए हमारे दिल में शांति की
आशा सुदृढ़ हुई है।