न्यूयॉर्क सिटी, 24 अक्तूबर, 2011 (सीएनए) ईरान में मानवाधिकार की स्थिति पर की संयुक्त
राष्ट्र संघ के विशेष रिपोर्ट ने ईरान में पास्टर योसेफ नदारखानी को सुनाये गये मृत्यु
की सजा और मानवाधिकार के अन्य उल्लंघनों का विरोध किया है। ईरान के लिये संयुक्त
राष्ट्र के स्वतंत्र विशेषज्ञ अहमद शाहीद ने कहा है कि कई मामलों में ईरान के कानूनी
प्रावधान और इसकी कार्यप्रणाली अंतरराष्ट्रीय कानून हैं के विपरीत चलते हैं। 19 अक्तूबर
को जेनरल असेम्बली की तीसरी सभा में प्रस्तुत रिपोर्ट में उन्होंने कहा कि ईरान की नीतियाँ
अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार प्रणाली के साथ पर्याप्त सहयोग नहीं करती। अहमद शहीद ने
कहा, वे इस बात से परेशान हुए कि ईरान एक ईसाई पास्टर को यह आदेश दिया गया कि वह अपने
मुस्लिम धर्म में वापस आ जाये या फाँसी की सजा झेले। संयुक्त राष्ट्र संघ अधिकारियों
ने ईरान के अधिकारियों से अपील की है कि वे अन्य बंदियों के साथ नादारखानी को सजा देने
पर पुनर्विचार करें। शाहीद ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी दी गयी है ईरान ने 42
ऐसे वकीलों को भी गिरफ्तार किया है जिन्होंने गिरफ़्तार लोगों को कानूनी सहायता पहुँचाने
का प्रयास किया था। उन वकीलों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने सर्वोच्च अधिकारी का
अपमान किया है और उनका कार्य राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये खतरनाक है। उधर नदाखानी के
वकील मुहम्मद अली ददखाह ने अमेरिकन सेन्टर ऑफ लॉ एंड जस्टिस को बताया कि उसे 9 साल की
सजा दी गयी है। ईरानी सरकार ने इस बात की भी धमकी दी है कि राष्ट्र की न्यायपालिका
को लज्जित करने के आरोप में उसे अमेरिकी मीडिया से भी बातचीत करने पर पाबंदी लगायी जा
सकती है। उधर ईरानी सरकार ने मुहम्मद अली के आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने कहा
कि यह रिपोर्ट बिल्कुल अमान्य, अनुचित और अस्वीकार्य तथा पश्चिमी राजनीति से प्रेरित
है।