मलेशिया, 22 अक्तबूर, 2011(कैथन्यूज़) मलेशिया की राजनधानी कुआलालम्पुर में दक्षिणपंथी
मुसलमानों धर्मपरिवर्तन के ख़िलाफ मुसलमानों को एक करने के लिये एक रैली का आयोजन किया
है जो राजनीतिक, अप्रासांगिक और खेदपूर्ण है।
उक्त बातें ईसाई नेताओं कही जब उन्होने
मुसलमानों की उस योजना पर टिप्पणी की जिसमें उन्होंने मुसलमानों को धर्मपरिवर्तन के विरोध
में एक विशाल रैली का आयोजन किया है।
‘नैशनल एवान्जिलिकल क्रिश्चियन फेलोशिप’
के रेभरन इयु होन्ग सेनग ने रैली को अप्रसांगिक कहा है क्योंकि सुल्तान और राज्य सरकार
ने ईसाइयों द्वारा धर्मपरिवर्तन के मुस्लिमों के आरोपों को सबूत के अभाव में समाप्त कर
दिया है।
फिर भी सुल्तान ने ईसाइयों को सचेत किया है कि वे मुसलमानों का धर्मपरिवर्तन
करने का प्रयास न करें। उन्होंने कहा कि इससे अनावश्यक रूप से तनाव बढ़ेगा और नामसमझी
बढ़ेगी।
सुल्तान ने ईसाइयों से कहा है कि शांति और सद्भावना के लिये कार्य करना
जारी रखें।
विदित हो कि मुसलमानों ने आरोप लगाया गया था कि अगस्त महीने में कुवालालम्पुर
के निकट एक स्टेडियम में आयोजित मेथोडिस्ट कलीसिया की प्रार्थना सभा में मुसलमानों का
धर्मपरिवर्तन कराया गया।
काथलिक पुरोहित क्लारेंस देवदास ने कहा कि " प्रत्येक
व्यक्ति या समुदाय को एक साथ जमान होने और अपने विचार व्यक्त करने की स्वतंत्रता है पर
जिस मुद्दे को आधार बना कर रैली का आयोजन किया गया है उससे एकता को कभी बढ़ावा नहीं मिलेगा।
रैलीकर्ताओं ने ईसाइयों पर आरोप लगाया है कि ईसाई इस्लाम की सम्प्रभुता के लिये
एक खतरा है पर मलेशिया के ईसाइयों ने कभी भी ऐसा कोई कार्य नहीं किया है जो इस्लाम के
लिये खतरे का चिह्न हो।"
उन्होंने कहा कि कुछ लोग मलेशिया को धर्म के नाम पर
बाँटना चाहते हैं। क्रिश्चियन फेडेरेशन ऑफ मलेशियन कमिटी के सदस्य देवदास ने कहा कि "विभिन्न
धर्मावलंबियों के बीच दुशमनी फैलाने के लिये धर्म का दुरुपयोग किया जा रहा है।"