वाटिकन सिटी, 22 अक्तूबर, 2011(वीआरई वर्ल्ड) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने 21 अक्तूबर
शुक्रवार को वाटिकन के लिये नीदरलैंड के नवनियुक्त राजदूत जोसेफ वेतेरिन्गस से मुलाकात
की।
राजदूत जोसेफ ने नीदरलैंड की रानी बियाट्रिक्स और डच जनता की ओर से अभिवादन
करते हुए कहा, " नैतिक और नीतगत मामलों में नीदरलैंड पूरी उदारता से वाटिकन के साथ वार्ता
के लिये तत्पर है।"
संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने नीदरलैंड की तारीफ करते हुए
कहा कि " नीदरलैंड निवासी इस बात के लिये एकजुट है मानवाधिकारों की रक्षा हो विशेष कर
के धार्मिक स्वतंत्रता का। "
संत पापा ने कहा, " धार्मिक स्वतंत्रता को न केवल
कानूनों से खतरा है पर विश्व के कई भागों में जहाँ धार्मिक स्वतंत्रता को कानूनी सुरक्षा
प्राप्त है ऐसे समाजों में भी पनपती धर्मविरोधी मानसिकता से भी खतरा है।"
पोप
ने कहा, " डच सरकार द्वारा मादक वस्तुओं के व्यापार और वेश्यवृत्ति की समस्या के निदान
के लिये उठाये जा रहे कदम सराहनीय हैं।"
उन्होंने कहा, " डच सरकार ने सदा ही
व्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान किया है पर अगर कोई व्यक्ति इस स्वतंत्रता का दुरुपयोग
करते हुए अपनी हानि पहुँचाता या दूसरों की क्षतिकरता है तो पूरे समाज और व्यक्ति के हित
के लिये ऐसे कार्यों को रोका जाना अति आवश्यक है।"
डच राजदूत ने संत पापा से
कहा कि नीदरलैंड की स्थिति कई कारणों से अशांत है पर संत पापा की मई 2010 की मोतु प्रोपियो
‘साक्रमेन्तोरुम संकतितातिस’ ख्रीस्तीय जीवन जीने के लिये सहायक सिद्ध हुआ है।
संत
पापा ने कहा कि " हम इस बात को नम्रतापूर्वक स्वीकार करते हैं कि कई बार कलीसिया के
सदस्य ही नैतिक मूल्यों के अनुसार जीते हैं फिर भी कलीसिया के सदस्यों और अन्यों को न्याय
और विवेक के अनुसार की अपील करती है और यह आशा करती है वे उन सब बातों का विरोध करें
जो इन गुणों के विपरीत है।"
विदित हो कि नीदरलैंड की कुल आबादी की 25 प्रतिशत
जनता काथलिक है।