2011-10-21 13:57:07

तिब्बतवासियों का चार-दिवसीय भूख हड़ताल


नई दिल्ली, 21 अक्तूबर, 2011 (कैथन्यूज़) भारत और नेपाल के तिब्बतवासियों ने नयी दिल्ली में चार-दिवसीय भूख हड़ताल आरम्भ कर दिया है।
तिब्बतेयन सोलिडारिटी मूवमेंट के यूदोन औकातसंग ने कहा कि " तिब्बत में हो रही चीनी अत्याचार की स्थिति बदतर होने के कारण उन्होंने इस प्रकार के विरोध का रास्ता अपनाया है।"
तिब्बतियों पर चीनी दमन के विरोध में 9 युवा भिक्षु और धर्मबहनों ने आत्मदाह का प्रयास किया जिसमें चार की मृत्यु हो चुकी है। 17 अक्तूबर को नगबा के निकट एक 20 वर्षीय धर्मबहन ने आत्मदाह किया और उसकी मृत्यु हो गयी।
उन्होंने बताया कि उनके इस विरोध अभियान में 3 हज़ार लोगोंने ने हिस्सा लिया। तिब्बत की पार्लियामेंट के सदस्य भारतीय दूतावास जाकर उन्हें तिब्बत की स्थिति से अवगत कराया है।
तिब्बत पार्लियामेंट की स्पीकर पेन्पा सेरिंग ने बताया, " तिब्बत में अब जो कुछ हो रहा है उससे उन्हें गहरा दुःख पहुँचा है। इसके परिणामस्वरूप तिब्बतवासियों ने ऐसा रोषपूर्ण कदम उठाया है।"
उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने समुदाय के नाम पर चीन की सरकार से अपील की है कि वे तिब्बत के लोगों को धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान करें।
उन्होंने चीनी सरकार से यह भी निवेदन किया है कि अपनी नीति का पुनरीक्षण करें ताकि स्थानीय लोग एक सौहार्दपूर्ण समाज बनाने की अपनी आकांक्षायें पूरी कर सकें।
इस दल ने चीन से यह भी अपील की है कि वे अन्तरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल और मीडिया को तिब्बत जाने से न रोके विशेष करके कीर्ति मठ में ताकि वे स्वतंत्र रूप से अपना रिपोर्ट तैयार कर सकें।
तिब्बत ने वर्षों से चीन संविधान के तहत् स्वायत्तता की माँग की है
विदित हो तिब्बत में सन 2008 से विरोध के स्वर सुनाई देने लगे थे तब से चीन सरकार ने तिब्बत मठों और तिब्बत पठार पर अपने शिकंजे कसे।
इसके तहत् उन्होंने सुरक्षा छापामारी, भिक्षुओँ को पर मनमाना नजरबंदियाँ करना मठों के भीतर निगरानी बढ़ाना, और धार्मिक गतिविधियों पर नजर रखने के के लिये मठों के अंदर एक स्थायी सुरक्षाकर्मी देना शामिल है।











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