मुम्बईः कलीसिया की सामाजिक शिक्षा आज सर्वोत्तम सुरक्षित रहस्य
मुम्बई, 19 अक्टूबर सन् 2011 (एशिया न्यूज़): मुम्बई में 14 से 16 अक्टूबर तक धन्य सन्त
पापा जॉन पौल द्वितीय की स्मृति तथा "मात्तेर एत माजिस्ट्रा" कलीसिया के सामाजिक विश्व
पत्र की पचासवीँ वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में एक विचार गोष्ठी सम्पन्न हुई।
एशियाई
धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों के संघ के तत्वाधान में उक्त विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया
था।
विचार गोष्ठी के प्रतिभागियों को सम्बोधित कर मुम्बई के महाधर्माध्यक्ष तथा
काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन में विश्वास और धर्मतत्वविज्ञान समिति के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष
आग्नेलो ग्रेशियस ने कहा कि कलीसिया की सामाजिक शिक्षा नैतिक रूप से बंजर बने आज के विश्व
में सर्वोत्तम सुरक्षित रहस्य है। उन्होंने कहा कि कलीसिया की सामाजिक शिक्षा में हमें
मार्गदर्शन देने लिये अपार कोष निहित है।
इस विचार गोष्ठी में 100 धर्माध्यक्षों
एवं पुरोहितों तथा 178 धर्मसंघी एवं धर्मबहनों के साथ साथ लगभग 500 लोगों ने भाग लिया।
एशियाई धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों के संघ में मानव विकास कार्यालय के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष
चार्ल्स बो, मुम्बई के कार्डिनल ऑसवल्ड ग्रेशियस तथा भारत में परमधर्मपीठ के प्रेरितिक
राजदूत महाधर्माध्यक्ष साल्वातोरे पेन्नाखियो भी विचार गोष्ठी में उपस्थित थे।
इस
अवसर पर मुम्बई के कार्डिनल ऑसवल्ड ग्रेशियस ने कलीसियाई मिशन के लिये काथलिक कलीसिया
की सामाजिक शिक्षा को अत्यधिक महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि भले ही भारत आर्थिक
स्तर पर विकास कर पाया है किन्तु अभी भी लाखों लोग निर्धनता से ग्रस्त हैं। उन्होंने
कहा कि काथलिक कलीसिया का मिशन निर्धनों, बीमारों, विस्थापितों, शरणार्थियों और दलितों
की सेवा करने तथा उन्हें उनके अधिकार दिलवाने हेतु लक्ष्यांकित है। इस लक्ष्य की प्राप्ति
के लिये, कार्डिनल महोदय ने, काथलिक कलीसिया की सामाजिक शिक्षा को मार्गदर्शन का महत्वपूर्ण
स्रोत निरूपित किया।