वाटिकन सिटी, 17 अक्तूबर, 2011(सीएनए) संत पापा ने वाटिकन द्वितीय महासभा के आरम्भ होने
के 50वें साल पूरे होने के अवसर पर वर्ष 2012-13 को " इयर ऑफ फेथ " अर्थात् "विश्वास
का वर्ष" घोषित किया है। संत पापा ने रविवार 16 अक्तूबर को रोम के संत पीटर महागिरजाघर
में आयोजित यूखरिस्तीय बलिदान में प्रवचन देते हुए घोषणा की, " यह एक कृपा और समर्पण
का समय होगा ताकि हम पूर्ण रूप से ईश्वर की ओर लौट सकें, अपने विश्वास को सुदृढ़ करें
और पूरे उत्साह के साथ दुनिया के समक्ष उसके नाम की घोषणा करें।" विश्वास का वर्ष
अगले वर्ष 11 अक्तूबर सन् 2011 को आरंभ होगा और 24 नवम्बर सन् 2013 को ख्रीस्त ‘राजा
के महोत्सव’ के दिन समाप्त हो जायेगा। संत पापा ने कहा, " यह एक ऐसा समय होगा जब
पूरी कलीसिया लोगों को उनके एकाकीपन के मरुस्थल से निकालकर उस स्थान में लायेगी जहाँ
जीवन और येसु का साहचर्य है।"
उन्होंने बताया कि एक प्रेरितिक पत्र में विश्वास
वर्ष के ‘अर्थ, लक्ष्य और दिशा-निर्देश’ शीघ्र प्रकाशित किये जायेंगे। संत पापा ने
कहा, "हमारा मिशन यह है कि हम ईश्वर के बारे में बोलना जारी रखें, उसके प्रभुत्व का गुणगान
करें और दुनिया के सब लोगों विशेषकरके उनलोगों को जिन्होंने अपना ख्रीस्तीय पहचान खो
दी है, को यह बतायें कि ईश्वर का हमारे जीवन पर पर पूरा अधिकार है।" रविवारीय मिस्सा
पूजा में जिन्होंने हिस्सा लिया उमें अधिकतर वे लोग थे जो "नये सुसमाचार प्रचार" के मिशन
से जुड़े हुए हैं। विदित हो कि नये सुसमाचार के प्रचार के लिये नवगठित परमधर्मपीठीय
परिषद् ने रोम में एक अंतरराष्ट्रीय सभा का आयोजन किया था जिसमें कई प्रतिनिधियों ने
हिस्सा लिया। नये सुसमाचार प्रचार के तहत् काथलिक विश्वास को उन राष्ट्रों में पुनःजागृत
करना। जहाँ वर्षों से ईसाई धर्म मान रहे देश धार्मिक उदासीनता के शिकार हो गये हैं। आज
के समारोह में पहली बार 84 वर्षीय संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ह्वील चेयर में सवार होकर
यूखरिस्तीय बलिदान के लिये आये और समारोह की समाप्ति पर उसी चेयर का उपयोग वापस लौटे।
साधारणतः संत पापा 110 गज की दूरी पैदल ही चल कर आते हैं। वाटिकन प्रवक्ता जेस्विट
फादर फेदरीको लोमबारदी ने कहा, "ऐसा इसलिये किया गया ताकि उन्हें थकान महसूस कम हो। इसका
कोई दूसरा अर्थ नहीं लगाया जाना चाहिये, उनकी सेहत अच्छी है।"