2011-10-15 13:12:53

लैतिन अमेरिकियों के लिये विशेष यूखरिस्तीय बलिदान


वाटिकन सिटी, 15 अक्तूबर, 2011( ज़ेनित) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ग्वादालूपे की माता मरिया के पर्व के दिन लैटिन अमेरिका के लोगों के लिये विशेष मिस्सा पूजा अर्पित करेंगे।

वाटिकन सूत्रों के अनुसार यह यूखरिस्तीय बलिदान 12 दिसंबर, सन् 2011 को संत पीटर बसीलिका में चढ़ाया जायेगा जिसमें संत पापा ‘आशा के महादेश’ लातिन अमेरिका के लोगों के प्रति अपना प्यार और सहानुभूति का प्रदर्शन करेंगे।

विदित हो कि संत पापा पौल षष्टम् ने लतिन अमेरिकी राष्ट्रों को ‘आशा का महादेश’ कहना आरंभ किया था जो अभी भी जारी है।

वाटिकन सूत्रों ने बताया कि " मिस्सा अर्पित करना मेषपालीय स्नेह का एक स्पष्ट चिह्न है जिसके द्वारा संत पापा चाहते हैं कि वे उन लोगों का आलिंगन करें जिनपर येसु के सुसमाचार का बीज बोया गया और अब प्रचुर मात्रा में फल अर्जित जा चुका है।

वाटिकन ने इस बात की भी जानकारी दी कि पूरी विश्व की कुल बपतिस्मा प्राप्त काथलिक आबादी के 40 प्रतिशत लोग लैटिन अमेरिकी है जो माता मरिया पर विश्वास के द्वारा अपनी एकता का प्रदर्शन करते हैं।

ग़ौरतलब है कि इस वर्ष लैतिन अमेरिकी काथलिकों ने अपनी स्वतंत्रता का दोसौवाँ वर्षगाँठ मनाया है।

इस अवसर पर संत पापा चाहते हैं कि काथलिक कलीसिया के योगदानों के लिये स्वतंत्रता के दोसौवें वर्षगाँठ की विशेष याद की जाये ताकि इस ऐतिहासिक सत्य के आलोक में लैटिन अमेरिकी देशों की वर्त्तमान स्थिति पर प्रकाश डाला जा सके जिससे लोग अपनी आशा मजबूत करें और शांति और न्याय की कामना कर सकें।

वाटिकन सूत्रों ने बताया कि इस यूखरिस्तीय बलिदान में रोमी कूरिया, वाटिकन के लिये मान्यता प्राप्त राजनयिक कोर, इतालवी सरकार के अधिकारी, रोम में रह रहे लैटिन अमेरिकी धर्मसमाजी, नागरिक, अधिकारी और विद्यार्थी हिस्सा लेंगे।






















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