2011-10-12 11:21:41

नई दिल्लीः एन.सी.सी.आय. ने ईरानी पादरी के लिये की अपील


नई दिल्ली, 12 अक्टूबर सन् 2011 (कैथन्यूज़): भारत में कलीसियाओं की राष्ट्रीय समिति, एन.सी.सी.आय., ने ईरानी सरकार से अपील की है कि वह पादरी युसफ़ नादरखानी को रिहा कर दे जिन्हें इसलिये कारावास में रखा जा रहा है कि उन्होंने ख्रीस्तीय धर्म छोड़कर इस्लाम धर्म अपनाने से इनकार कर दिया है।

नई दिल्ली स्थित ईरानी राजदूतावास को लिखे एक पत्र में एन.सी.सी.आय.ने उक्त गिरफ्तारी तथा निर्धारित प्राणदण्ड पर चिन्ता व्यक्त की तथा उनकी रिहाई हेतु अपील की।

एन.सी.सी.आय. के महासचिव रोजर गायक्वार्ड ने पत्र में लिखा, "ख्रीस्तीय विश्वास का परित्याग न करने के लिये, पादरी नादरखानी को बारम्बार ईरानी अधिकारियों के उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है।"

उन्होंने ईरानी अधिकारियों से अपील की कि वे नादरखानी को यातनाओं एवं अन्य प्रकार के दुर्व्यवहार का शिकार न बनने दें, उन्हें उनके परिवार सदस्यों से मिलने की अनुमति दें तथा उन्हें चिकित्सा आदि मुहैया करायें।

इस्लामी शरिया कानून के तहत सन् 2009 में पादरी नादरखानी को स्वधर्मत्याग के आरोप में गिरफ्तार कर प्राणदण्ड का सज़ा सुनाई गई थी।

अपनी गिरफ्तारी से पूर्व पादरी नादरखानी राश्त नगर में 400 ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों के समुदाय की देखरेख में लगे थे। 32 वर्षीय पादरी नादरखानी ने 19 वर्ष की आयु में इस्लाम धर्म का परित्याग कर ख्रीस्तीय धर्म का आलिंगन कर लिया था। प्राणदण्ड की सज़ा से बचने के लिये उन्हें कई बार इस्लाम धर्म को पुनः अपनाने का लालच दिया गया किन्तु उन्होंने ख्रीस्तीय धर्म का परित्याग करने से इनकार कर दिया है।

एन.सी.सी.आय. महासचिव गायक्वार्ड ने ईरान में अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के अनवरत उत्पीड़न पर भी चिन्ता व्यक्त की और लिखा, "हम अर्ज़ करते हैं कि ख्रीस्तीय एवं अन्य अल्पसंख्यक धर्मानुयायियों को अपने धर्म पालन की स्वतंत्रता दी जाये।"









All the contents on this site are copyrighted ©.