2011-10-10 13:52:17

चरमपंथियों ने गिरजाघर बनाने की अनुमति नही दी


कंधमाल, 10 अक्तूबर, 2011 (कैथन्यूज़) हिंदु चरमपंथियों ने विजयदशमी के त्योहार के दिन उड़ीसा के कंधमाल में निर्माधीन काथलिक चर्च में भगवा ध्वज़ फहरा कर काथलिकों के बीच दहशत फैला दिया है।
कैथन्यूज़ के अनुसार करीब 400 लोगों की एक उग्र भीड़ ने निर्माधीन चर्च की ओर आयी और उसमें अपने झंडा फहराया। कंधमाल क्षेत्र में कार्यरत मोन्टफोर्ट ब्रदर वकील मारकोसे के ने बताया कि हिन्दु चरमपंथी इस बात से नाराज थे कि स्थानीय ईसाइयों ने नये गिरजाघर के निर्माण के लिये सामग्री लाना आरंभ कर दिया था।
विदित हो कि स्थानीय ईसाई कंधमाल के रायकिया थाना के बकिंजिया गाँव में गिरजाघर के निर्माण के लिये आवश्यक सामग्री जमा करते हुए देखे गये थे।
यह वही स्थान है जहाँ पर पहले एक गिरजाघर था जिसे सन् 2008 में हुए ईसाई-विरोधी हिंसा में ढह दिया गया था। तीन साल बाद सरकार द्वारा गिरजाघर निर्माण दिये गये के लिये मुआवजे से गिरजाघर का निर्माण कार्य आरंभ किया गया था।
निर्माण कार्य को उस समय रोक दिया गया जब स्थानीय हिन्दु चरमपंथी नेता भास्कर प्रधान ने दावा किया कि वह ज़मीन उनके दादे-परदादों की है। स्थानीय प्रशासन ने दोनों दलों को बुलाकर समझौता करने का प्रयास किया पर इसका कोई समाधान नहीं निकला।
कटक-भुवनेश्वर महाधर्मप्रांत के मीडिया एवं सम्प्रेशन विभाग के अध्यक्ष फादर संतोष दिगल ने बताया कि चरमपंथियों ने यह अफवाह फैलायी कि यदि विवादास्थल में चर्च का निर्माण किया गया तो फिर से खून-खराबा होगा। इस बारे में स्थानीय प्रशासन को सूचना दे दी गयी है।
प्रशासन ने चर्च अधिकारियों को यह मौखिक आश्वासन दिया है कि चर्च निर्माण कार्य बिना किसी गतिरोध के पूरा होगा और गाँव के लोग इसमें प्रार्थना सभा शांतिपूर्ण से सम्पन्न कर पायेंगे।
फादर दिगल ने बताया कि मौखिक आश्वासन के बावजूद कानून और व्यवस्था की स्थिति इतनी मजबूत नहीं है कि ईसाई समुदाय जीवन और जीविका के प्रति आश्वस्त हो।
अमित कुमार मल्लिक एक काथलिक युवा नेता ने कहा कि चरमपंथियों ने चर्च निर्माण स्थल में झंडा गाड़ने के लिये दशहरा त्योहार का समय चुना जो दहशतपूर्ण है। पुलिस को इसकी सूचना दे दी गयी और पुलिस ने जगह का निरीक्षण किया पर अब तक किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गयी है।
फादर दिबाकर परिच्चा ने कहा कि सरकार को चाहिये कि इसके पहले कि अल्पसंख्यकों के प्रति अन्याय हो और दहशत की स्थिति आये तो वह शीघ्र कदम उठाये इसके पहले की कोई अप्रिय घटना घटे।

















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