बुधवारीय - आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा का संदेश 5 सितंबर, 2011
रोम, 5 सितंबर, 2011 (सेदोक, वी.आर) बुधवारीय आमदर्शन समारोह में संत पापा बेनेदिक्त
सोलहवें ने संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को विभिन्न
भाषाओं में सम्बोधित किया।
उन्होंने अंग्रेजी भाषा में कहा- मेरे अति प्रिय
भाइयो एवं बहनो, आज की धर्मशिक्षामाला में ख्रीस्तीय प्रार्थना पर मनन-चिन्तन करना जारी
रखें। आज के चिन्तन के लिये हम स्तोत्र 23 को लें।
"ईश्वर मेरा भला चरवाहा है
मुझे किसी बात की कमी नहीं।" यह लोकप्रिय स्तोत्र अपने उत्कृष्ट मेषपालीय चित्र के द्वारा
ईश्वर के प्रेम पर पूर्ण विश्वास की अभिव्यक्ति है। यह पूर्ण विश्वास प्रार्थना का एक
अति महत्त्वपूर्ण है पक्ष है।
इस स्तोत्र में भजन रचयिता ने ईश्वर के भला चरवाहा
के रूप में प्रस्तुत किया है जो उसे हरे-भरे मैदानों में ले जाता है। वह सदा उसके साथ
रहता और हर प्रकार के जोखिमों से उसकी रक्षा करता है। "भला चरवाहा उसे शीतल जल पिलाता
है और उसके ह्रदय को नवीन कर देता है। इसके बाद भला चरवाहा उसे अपने तम्बू में ले जाता
है, उसका स्वागत करता है, उसे उत्तम भोजन देता, उसे पीने को देता और उस पर तेल मलता है।"
स्तोत्र कहता है कि भला चरवाहा मेरे लिये मेज़ सजाता, मेरे सिर पर तेल मलता और
मेरा प्याला लबालब भर देता है। व्यक्ति के जीवन की राह में ईश्वर की दया सदा बनी रहती
है। यह एक ऐसा पथ है जो ईश्वर के मंदिर तक जाती है।
चुनी हुई प्रजा इस्राएल का
धार्मिक इतिहास, निर्वासन से प्रतिज्ञात देश तक, ईश्वर की शक्तिशाली छवि को भले चरवाहे
के रूप में प्रस्तुत करने का रहा है।
यह अभिव्यक्ति ಭभले चरवाहे येसु के आने
से पूर्ण होती है जब जिसने अपने भेड़ों के लिये अपने प्राण दे दिये। वे आज भी अपने लहू
और शरीर हमें देते हैं जो कि उस स्वर्गीय भोज का एक पूर्वानुभव है जिसका हम इंतज़ार कर
रहे हैं ।
इतना कह कर संत पापा ने समारोह में उपस्थित गायक दल को धन्यवाद देते
हुए अपना संदेश समाप्त किया।
संत पापा ने युनिवर्सिटी ऑफ थेसालोनिकी के प्रतिनिधियों
को धन्यवाद दिया जिन्होंने उन्हें प्रेरित जासोन ऑफ थेसालोनिकी गोल्ड मेडल देने की घोषणा
की है। उन्होंने कहा कि यह काथलिक कलीसिया और ऑरथोडॉक्स कलीसिया के बीच वार्ता और समझदारी
का एक स्पष्ट चिह्न है।
उन्होंने पोन्तिफिकल फिलीपीनो कॉलेज की स्थापना के
पचासवें वर्षगाँठ के अवसर पर इसके विद्यार्थियों, पोन्तिफिकल बेदा कॉलेज और पोन्तिफिकल
अमेरिकन कॉलेज के विद्यार्थियों तथा इंगलैंड, स्कॉटलैंड, डेनमार्क, नॉर्वे, स्वीडेन,
नाइजीरिया, सिंगापुर फिलीपींस, अमेरिका के तीर्थयात्रियों, उपस्थित लोगों एवं उनके परिवार
के सब सदस्यों पर प्रभु की कृपा और शांति का कामना करते हुए उन्हें अपना प्रेरितिक आशीर्वाद
दिया।