हाँगकाँग, 1 अक्तूबर, 2011( कैथन्यूज़) हाँगकाँग में कार्यरत एक फिलीपीना घरेलु कामगार
महिला ने स्थायी निवास के लिये चल रही कानूनी लड़ाई के प्रथम चरण में जीत हासिल की है।
स्थानीय समाचारपत्र ‘सीतल इंटेलिजेनसर’ के अनुसार हाँगकाँग अदातलत का यह फ़ैसला था
कि हज़ारों आप्रवासी घरेलु कामगार महिलाओं को छोड़कर अन्य अप्रवासियों के लिये स्थायी
निवास का प्रावधान हो। न्यायधीश जोनसन लैम ने सरकारी वकीलों के इस फ़ैसले को अस्वीकर
कर दिया और प्रश्न किया कि घरेलु कामगार महिलाओं को अन्य अप्रवासियों के समान निवास करने
का दर्ज़ा क्यों नहीं दिया जा सकता। लैम ने कहा कि घरेलु कामगारी महिलाओं को अन्य
देशों की तरह सात सालों के बाद प्रवासन का प्रावधान नहीं देना हाँगकाँग की मिनी संविधान
या मूल कानून के निर्देश के अनुसार सदा एक समान नहीं रही है। रायटर समाचार के अनुसार
हाँगकाँग के राजनीतिज्ञ इससे चिन्तित हो गये हैं क्योंकि अदालत का घरेलु कामगार महिलाओं
के हित का फैसले से बीजिंग में भी इसका प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने कहा है कि सरकार
को चाहिये कि वह शहर के संविधान की पुनर्विवेचना करे। विदित हो सन् 1999 में हाँगकाँग
की सर्वोच्च न्यायालय ने अपने एक फ़ैसले में कई चीनियों को निवास की सुविधा दी थी किन्तु
बाद में चीन की सर्वोच्च कानूनी निकाय ने इस बदल दिया था। रायटर के अनुसार हाँगकाँग
शहर की अप्रवासी नियम शहर की 2 लाख 90 हज़ार घरेलु कामगारों को स्थायी निवास की सुविधा
से वंचित करता है। विदित हो कि उन लाखों कामगारों में 1लाख 46 हज़ार इंडोनेशिया से और
1लाख 39 हज़ार कामगार महिलायें फिलीपीन्स की हैं। ग़ौरतलब है कि उन महिलाओं में 1
लाख 17 हज़ार महिलायें हाँगकाँग में 7 साल से अधिक समय से यहाँ रह रहीं हैं और अदालत
के फ़ैसले के मुताबिक स्थायी आवास की प्रबल दावेदार हैं।