अल्पसंख्यक समुदायों के संवैधानिक अधिकारों से संबंधित एक पुस्तक का प्रकाशन
भोपाल मध्यप्रदेश 30 सितम्बर 2011 (ऊकान) भारत के मध्यप्रदेश राज्य में काथलिक चर्च ने
अल्पसंख्यक समुदायों के संवैधानिक अधिकारों से संबंधित एक पुस्तक का प्रकाशन किया है
ताकि साम्प्रदायिक रूप से संवेदनशील राज्य में अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा की जा
सके। पुस्तक का लक्षित पाठकवर्ग न केवल राज्य के विभिन्न अल्पसंख्यक समूह हैं लेकिन सरकारी
अधिकारी भी हैं। भोपाल के महाधर्माध्यक्ष लेओ कोरनेलियो ने कहा कि पुस्तक का प्रकाशन
सरकारी अधिकारियों को मदद तथा शिक्षित करने का मैत्रीपूर्ण तरीका है ताकि वे अल्पसंख्यकों
के अधिकारों को बारे में जानें तथा उनका सम्मान करें। उन्होंने कहा हम चाहते हैं कि लघु
अल्पसंख्यक होने के बावजूद भी राष्ट्र निर्माण के लिए हमारे प्रयासों की सरकारी अधिकारियों
द्वारा सराहना हो। भाजपा शासित मध्यप्रदेश राज्य में बहुत मामलों में अधिकारीगण अल्पसंख्यक
अधिकारों को नहीं जानते हैं जिससे समुदाय के सदस्यों को प्रताड़ना सहनी पड़ती है। उन्होंने
कहा कि इस पुस्तक से ईसाईयों को भी अपने अधिकारों के बारे में जानने तथा मुखर होने के
लिए सहायता मिलेगी। सन 2003 से ही इस राज्य में अबतक 100 साम्प्रदायिक हमले की घटनाएँ
घटी हैं। अनेक चर्च सूत्रों के अनुसार इनके शैक्षणिक संस्थान राज्य सरकार द्वारा प्रताडित
किये जाते रहे हैं। अप्लीकेशन ओफ स्पेशल कोंस्टीट्यूशनल राइटस ओफ माइनारिटी एजुकेशनल
इंस्टीट्यूशन्स शीर्षक से लिखित 84 पृष्टीय पुस्तक के लेखक फादर आनन्द मुत्तुंगल हैं
जो मध्यप्रदेश में काथलिक चर्च के प्रवक्ता हैं। हिन्दी और अंग्रेजी भाषा में लिखित इस
पुस्तक की प्रतियाँ का वितरण निःशुल्क किया जायेगा। फादर मुत्तुंगल ने कहा कि चर्च द्वारा
किये गये अध्ययन में पाया गया कि बोर्ड के बहुत कम सदस्य इन अधिकारों के बारे में जागरूक
थे। पुस्तक में अल्पसंख्यकों के अधिकारों के बारे में जानकारी देने के अतिरिक्त शिक्षण
संस्थानों के संचालन और प्रबंधन से संबंधित अनेक मुद्दों पर भी जानकारी दी गयी है क्योंकि
शिक्षा संबंधी अधिकार (राइट टू एजुकेशन एक्ट) को लागू किया जाने के बाद की स्थिति ने
प्राथमिक शिक्षा को अनिवार्य बना दिया है।