श्री लंका, कोलोम्बोः सरकार को जातीय समस्या का का ढूँढ़ना होगा हल, तमिल पार्टी
श्री लंका, कोलोम्बो 27 सितम्बर सन् 2011 (एशिया न्यूज़): श्री लंका की तमिल यूनाईटेड
लिबरेशन फ्रंट पार्टी ने अपनी हाल की बैठक के बाद कहा कि श्री लंकाई सरकार को जातीय समस्या
का हल ढूँढ़ना होगा।
तमिल पार्टी की मांग है कि सरकार, सम्पत्ति की वापसी करे,
विस्थापितों का पुनर्वास करे, निर्दोष युवा व्यक्तियों को रिहा करे तथा प्रत्येक व्यक्ति
के अलंघनीय अधिकार के सम्मान का आश्वासन दे।
तमिल पार्टी ने कहा कि सन् 2009
में तीस वर्षीय गृहयुद्ध समाप्त हो गया किन्तु अभी भी कई समस्याएँ अनसुलझी हैं जिनका
समाधान खोजा जाना अनिवार्य है। पार्टी ने कहा कि वह देश के सिंघली, मुसलमान, मलय तथा
यूरेशियन जातीय समुदायों के साथ मैत्री पूर्ण सम्बन्ध रखने के लिये प्रतिबद्ध है।
"तमिल
यूनाईटेड लिबरेशन फ्रंट", श्री लंका की सबसे बड़ी तमिल पार्टी है जिसने आरोप लगाया है
कि युद्ध के दौरान श्री लंका की सेना तथा तमिल विद्रोहियों द्वारा लोगों से लिया गया
सोना तथा सोने के आभूषण अब तक तमिल परिवारों को लौटाये नहीं गये हैं। इसके अतिरिक्त,
युद्ध के कारण देश में ही विस्थापित हुए दो लाख लोगों में कुछ ही लोगों का पुनर्वास हो
पाया है जबकि अधिकांश लोगों ने अपना सबकुछ खो दिया है।
पार्टी के नेता आनन्दसरी
ने बताया कि अनेक युवा बिना मुकद्दमें के अभी भी कारावासों में बन्द हैं। इनमें से अधिकांश
निर्दोष हैं जिन्हें झूठी गवाही के आधार पर गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने श्री लंका
के राष्ट्रपति महिन्दा राजपक्षे तथा सरकार का आह्वान किया कि वे युद्ध के शिकार बने सभी
नागरिकों की क्षतिपूर्ति करें जिसका उन्होंने प्रण किया था।