2011-09-25 12:07:54

फ्रायबुर्ग, जर्मनीः सन्त पापा ने गुरुकुल छात्रों से की मुलाकात


फ्रायबुर्ग, जर्मनी 25 सितम्बर सन् 2011 (सेदोक): फ्रायबुर्ग में शनिवार को सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने महाधर्मप्रान्त के गुरुकुल छात्रों से मुलाकात कर उन्हें अपना आशीर्वाद दिया।

सन्त बोरोमेओ को समर्पित आराधनालय में सन्त पापा ने लगभग 60 गुरुकुल छात्रों से अनौपचारिक तौर पर मुलाकात की। इस अवसर पर सन्त पापा ने तीन महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। जीवन्त ख्रीस्त के साक्षात्कार रूप में ईश वचन, विश्वव्यापी काथलिक कलीसिया के साथ कता का भाव तथा विश्वास एवं तर्कणा के बीच सम्बन्ध।

गुरुकुल छात्रों से मिलकर अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सन्त पापा ने कहा............................... "उन लोगों से मिलना जिन्होंने ईश्वर की बुलाहट सुनकर अपना जीवन प्रभु एवं मानव की सेवा हेतु समर्पित कर दिया मेरे लिये अत्यन्त हर्ष का विषय है।"

इस प्रश्न के उत्तर में कि आज के परिप्रेक्ष्य में गुरुकुल की जगह कहाँ है? गुरुकुल जीवन का क्या अर्थ है? सन्त पापा ने कहा........ "इस सन्दर्भ में मुझे सन्त मारकुस रचित सुसमाचार के तीसरे अध्याय का स्मरण हो आता है जिसमें प्रभु येसु 12 प्रेरितों का चुनाव करते हैं ताकि वे जन जन में सुसमाचार का सन्देश फैलायें।"

सन्त पापा ने कहा कि 12 प्रेरितों की नियुक्ति सम्पूर्ण विश्व में प्रेम का सन्देश फैलाने के लिये की गई थी और इसी का अनुसरण करते हुए गुरुकुलों को वे स्थल बनना चाहिये जहाँ ख्रीस्त के सच्चे प्रेरित तैयार होते हैं, जहाँ ईश वचन से पोषित होकर वे जीवन्त प्रभु येसु ख्रीस्त का अनुभव अपने जीवन में करते हैं। साथ ही, उन्होंने कहा, गुरुकुल, प्रशिक्षण एवं विकास के महत्वपूर्ण स्थल हैं जहाँ छात्र एक दूसरे के साथ मिलकर जीवन यापन करते हुए आध्यात्मिक विकास का मार्ग खोजते हैं।









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