बर्लिनः सन्त पापा की जर्मन यात्रा में मीडिया की रुचि बरकरार
बर्लिन, 24 सितम्बर सन् 2011 (सेदोक): सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें की चार दिवसीय जर्मन
यात्रा में मीडिया की रुचि बरकरार रही है। 24 सितम्बर को भी जर्मनी के लगभग सभी समाचार
पत्रों तथा कुछेक विश्व व्यापी समाचार पत्रों ने भी जर्मनी में सम्पन्न सन्त पापा के
समारोहों एवं साक्षात्कारों की चर्चा की।
जर्मनी के समाचार पत्रों में, 24 सितम्बर
को, एक दिन पहले, एरफुर्ट में, प्रॉटेस्टेण्ट कलीसियाओं के नेताओं के साथ हुई मुलाकात,
प्रार्थना समारोह तथा सन्त पापा द्वारा कहे शब्दों की चर्चा रही। साथ ही एटसैल्सबाख में
काथलिक समुदाय के साथ साक्षात्कार एवं मुसलमान नेताओं से हुई बातचीत को भी पर्याप्त जगह
दी गई।
22 सितम्बर को आरम्भ सन्त पापा की जर्मनी यात्रा से पूर्व ही वाटिकन के
वरिष्ठ धर्माधिकारियों ने सचेत कर दिया था कि यह यात्रा एक कठिन यात्रा होगी। तथापि,
विरोधों के बावजूद सन्त पापा ने स्पष्ट शब्दों में अपने प्रभाषण एवं प्रवचन जारी किये
हैं तथा अनेक विरोधी आवाज़ों को भी आश्चर्यचकित कर दिया है।
जर्मनी के फ्रैंकफर्टर
आलगेमाईने साईटूंग ने एरफुर्ट में प्रॉटेस्टेण्ट नेताओं को दिये सन्त पापा के सन्देश
को निराशाजनक बताया है और लिखा है कि प्रॉटेस्टेण्ट धर्मानुयायियों की आशा थी कि सन्त
पापा काथलिक कलीसिया के साथ उनके सम्बन्ध को मज़बूत करने के लिये कोई ठोस कदम उठायेंगे।
विशेष रूप से उनकी आशा थी कि काथलिक एवं प्रॉटेस्टेण्ट धर्मानुयायियों के बीच मिश्रित
विवाह को सन्त पापा कलीसियाई मान्यता देंगे। इसके उत्तर में सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें
ने अपने प्रवचन में स्पष्ट कर दिया था कि ख्रीस्तीय एकता वर्द्धक प्रयास कोई राजनैतिक
गतिविधि नहीं है। यह समझौतों का मंच नहीं है। दूसरी ओर, जर्मनी के लूथरन चर्च के प्रमुख
पादरी श्नाईडर ने सन्त पापा के साथ मुलाकात को भ्रातृत्व और मैत्री पूर्ण मुलाकात निरूपित
किया है तथा मार्टिन लूथर पर कहे शब्दों के लिये सन्त पापा की सराहना की है।
"बिल्ड"
नामक जर्मन समाचार पत्र ने सन्त पापा की यात्रा को गहन, भावप्रवण एवं तीव्र निरूपित किया
है और कहा है कि 84 वर्ष की आयु के बावजूद सन्त पापा इतने अधिक समारोहों की अध्यक्षता
कर रहे हैं जो किसी युवा के लिये भी मुश्किल काम है। इस समाचार पत्र में एटसैल्सबाख में
90,000 श्रद्धालुओं के उत्साह का वर्णन किया गया है।
अन्य जर्मन समाचार पत्रों
में भी मुख पृष्ठ सन्त पापा की यात्रा को समर्पित रहा जिनमें मिली जुली प्रतिक्रियाएँ
प्रकाशित कीं गई। यहूदी, मुसलमान एवं प्रॉटेस्टेण्ट ख्रीस्तीयों के साथ मुलाकातों के
अतिरिक्त एरफुर्ट के गुरुकुल में यौन दुराचार के शिकार बने व्यक्तियों के साथ सन्त पापा
की मुलाकात तथा इस पर वाटिकन द्वारा जारी वकतव्य की लगभग सभी समाचार पत्रों ने प्रकाशना
की। एक बात मीडिया में उभर कर सामने आई है कि यात्रा से पूर्व इसे नकारात्मक दृष्टि से
देखा जा रहा था किन्तु सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें के स्पष्ट शब्दों ने सबको आश्चर्यचकित
कर दिया है।