2011-09-24 17:14:25

फ्रेईबुर्ग शहर के नागरिकों के लिए संत पापा का संबोधन


फ्रेईबुर्ग जर्मनी 24 सितम्बर 2011 (सेदोक) संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें 24 सितम्बर को एरफुर्त से एक घंटे की हवाई यात्रा कर लाहर हवाई अडडा पहुँचे। फिर उनका काफिला 50 किलोमीटर का सफर तय कर फ्रेईबुर्ग शहर पहुँचा। सन 1200 और सोलहवीं सदी में गोथिक शैली में निर्मित फ्रेईबुर्ग कैथीड्रल में संत पापा ने बेनेडिक्ट 16 वें ने प्रवेश किया जहाँ लगभग 800 धर्मसमाजी तथा कुछ विकलांग विश्वासी उपस्थित थे। यहाँ पवित्र साक्रमेंत की आराधना कर अंजेलुस दोमिनी प्रार्थना का पठन किया गया। तदोपरांत फ्रेईबुर्ग कैथीड्रल के प्रांगण में उपस्थित नागरिकों का अभिवादन करते हुए संत पापा ने कहा-

प्रिय मित्रो, महान आनन्द के साथ मैं आप सबका अभिवादन करता हूँ और आपके हार्दिक स्वागत के लिए धन्यवाद देता हूँ। बर्लिन और एरफुर्त में सम्पन्न अच्छी बैठकों के बाद मैं यहाँ फ्रेईबुर्ग में आपके साथ हूँ इसकी मुझे खुशी है। महाधर्माध्यक्ष रोबर्ट जोलित्स के निमंत्रण और उनके द्वारा मेरे स्वागत में कहे गये भावपूर्ण शब्दों के लिए मैं उन्हें विशेष रूप से धन्यवाद देता हूँ। इस प्रेरितिक यात्रा का शीर्ष वाक्य जहाँ ईश्वर वहाँ भविष्य है हमें स्मरम कराता है। संत पेत्रुस के उत्तराधिकारी के रूप में, जो प्रभु के द्वारा अपने भाईयों को सुदृढ़ करने के लिए नियुक्त किया गया था मैं भी आपके पास आया हूँ ताकि आपके साथ प्रार्थना कर सकूँ, ईश वचन की उदघोषणा करूँ और यूखरिस्त समारोह मनाऊँ। मैं आपसे आपकी प्रार्थना का आग्रह करता हूँ ताकि ये दिन फलप्रद हों, ईश्वर हमारे विश्वास को गहन बनायें हमारी आशा को मजबूती प्रदान करें और हमारे प्रेम को बढ़ायें।

इन दिनों के दौरान हम पुनः और अधिक जागरूक हों कि ईश्वर हमें कितना अधिक प्रेम करते हैं तथा वे कितने भले हैं ताकि हम भरोसा करते हुए स्वयं को, हमारी चिंताओं को उनके हाथों में सौंप दें। उनके हाथों में हमारा भविष्य सुरक्षित है- वे हमारे जीवन को अर्थ प्रदान करते हैं तथा उन्हें परिपूर्ण बनाते हैं। ईश्वर आपको शांति प्रदान करें तथा खुशी के संदेशवाहक बनायें।

अपना संदेश देने के बाद संत पापा ने विश्वासियों को प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।








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